परशुराम भूमि पर अमृत समारोह !
प.पू. स्वामी गोविंददेव गिरिजी का अमृत महोत्सव एवं सनातन संस्था का रजत जयंती महोत्सव संपन्न
प.पू. स्वामी गोविंददेव गिरिजी का अमृत महोत्सव एवं सनातन संस्था का रजत जयंती महोत्सव संपन्न
पू.( श्रीमती) शेऊबाई लोखंडे मांडवगन, तालुका श्रीगोंडा, जिला अहिल्यानगर की मूल निवासी है और पिछले ९ वर्षों से धवली में निवास कर रही थी। देहत्याग के बाद पू .आजी का चेहरा बहुत तेजस्वी, पीला और शांतिपूर्ण लग रहा था। वातावरण में भी अधिक चैतन्य की अनुभूती आ रही थी।
परशुरामभूमि गोमांतक में सनातन के आश्रम में, अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थयात्रा ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष प.पु. स्वामी गोविंददेव गिरि का भावपूर्ण वातावरण में स्वागत किया गया । ३० नवंबर की दोपहर को उन्होंने सनातन के आश्रम में शिष्टाचार भेंट की ।
सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी की एक आध्यात्मिक उत्तराधिकारिणी श्रीचित्शक्ति (श्रीमती) अंजली मुकुल गाडगीळजी का जन्मदिवस तो धर्मसंस्थापना हेतु अवतरित ईश्वर की चैतन्यशक्ति का प्रकट दिवस ही है !
गोवा राज्य में स्थापित और वर्तमान में पूरे भारत में सनातन हिंदू धर्म का प्रचार प्रसार करने वाली सनातन संस्था का रजत जयंती समारोह ३० नवंबर को आयोजित किया गया है।
दिवाली में लक्ष्मी पूजा का विशेष महत्त्व है । पुराणों में वर्णन है कि कार्तिक अमावस्या की रात को लक्ष्मीजी सर्वत्र भ्रमण करती हैं तथा अपने निवास के लिए उपयुक्त स्थान ढूंढने निकल पडती हैं ।
श्रीसत्शक्ति (श्रीमती) बिंदा सिंगबाळजी इतनी अद्वितीय हैं कि उनके विषय में लिखते समय अन्य लेखों की भांति नहीं लिखा जा सकता । केवल इतना ही नहीं, अपितु उनमें इतने अद्वितीय गुण हैं कि वह शब्दों से परे होने के कारण भी उन्हें लिखा नहीं जा सकता ।
अध्यात्म में प्रगति करते समय किसी में देवत्व के एक-दो लक्षण दिखाई देते हैं; परंतु श्रीसत्शक्ति (श्रीमती) बिंदा सिंगबाळजी में देवीतत्त्व के सभी गुण विद्यमान होने से ही महर्षि ने उन्हें देवीस्वरूप अवतार के रूप में सम्मानित किया है, इसमें कोई संदेह नहीं है ।
श्रीसत्शक्ति (श्रीमती) बिंदा सिंगबाळजी के अध्यात्म के असामान्य अधिकार को बहुत पहले ही पहचान लेनेवाले महान गुरु सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी तथा उनकी बातें सत्य प्रमाणित करनेवालीं महान श्रीसत्शक्ति (श्रीमती) बिंदा सिंगबाळजी !
श्रीसत्शक्ति (श्रीमती) बिंदा नीलेश सिंगबाळजी के ५५ वें जन्मदिवस के उपलक्ष्य में रामनाथी (गोवा) के सनातन के आश्रम में एक समारोह संपन्न हुआ । इस समारोह में उपस्थित श्रीमती अनुराधा निकम द्वारा अनुभव किए गए भावक्षण आगे दिए हैं –