झारखंड में उच्च शिक्षाप्राप्त प्रिया ने भावपूर्ण स्थिति में किया श्रीकृष्णजी से विवाह !
इस संदर्भ में अब आधुनिकतावादी यदि पेटदर्द होने पर इसकी आलोचना करें, तो आश्चर्य कैसा ?
इस संदर्भ में अब आधुनिकतावादी यदि पेटदर्द होने पर इसकी आलोचना करें, तो आश्चर्य कैसा ?
जन्माष्टमी पर श्रीकृष्णतत्त्व प्रतिदिन की तुलना में १००० गुना अधिक कार्यरत होता है । इस तिथि पर ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय ।’ नामजप तथा श्रीकृष्णजी की अन्य उपासना भावपूर्ण करने से श्रीकृष्णतत्त्व का अधिक लाभ मिलता है ।
इतने निचले स्तर पर जाकर हिन्दुओं के देवताओं का अपमान किया जाने पर भी ऐसों के विरोध में कार्यवाही करने के लिए, उन्हें कठोर दंड देने के लिए कठोर कानून नहीं बनाया जाता, यह हिन्दुओं के लिए लज्जास्पद !
हिन्दुओं को लगता है कि, ऐसा प्रश्न निर्माण होने के पूर्व ही केंद्र की भाजपा सरकार को इस दिशा में प्रयास करने चाहिए थे ! कम से कम अब तो प्रयास किए जाएंगे, ऐसी अपेक्षा है !
“सुबह भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति को स्नान कराते समय हाथ उखड गया था ।” घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर निरंतर प्रसारित हो रहा है । लेखी सिंह गत ३० वर्षों से अर्जुन नगर के पथवारी मंदिर में पुजारी के पद पर कार्यरत हैं ।