Congress Krishna Poster : कानपुर (उत्तर प्रदेश) में कांग्रेस ने लगाए फलक के द्वारा हिन्दुओं के देवताओं का अनादर

कांग्रेस ने अपनी स्थापना से लेकर आज तक हिन्दू धर्म, हिन्दुओं के देवता एवं परंपराओं का भिन्न भिन्न माध्यमों द्वारा अपमान किया है । इस पार्टी का राजनीतिक अस्तित्व अब हिन्दू नष्ट करेंगे !

Shri Krishna In Dream : १३ वर्ष आयु की लडकी को हुए स्वप्नदृष्टांत के अनुसार दरगाह के समीप भूमि में मिली श्रीकृष्ण की मूर्ति !

क्या इस दरगाह के स्थान पर पूर्व में हिन्दुओं का मंदिर था ? अब इसकी जांच होना भी आवश्यक है । इस संदर्भ में हिन्दू संगठनों को अगुवाई करनी चाहिए  !

Geeta Jayanti : गुजरात में आगमी शैक्षणिकसत्र से छठी से आठवीं कक्षा तक के छात्र श्रीमद्‌भगवदगीता का अध्ययन करेंगे !

यदि गुजरात में यह संभव है, तो अन्य राज्यों तथा केंद्र सरकार के अधीन शिक्षण संस्थानों में भी हिन्दू धर्मग्रंथ पढाने का निर्णय लिया जाना चाहिए 

Bhagwad Geeta In MBA course : इलाहाबाद विश्वविद्यालय में व्यवस्थापन के पाठ्यक्रम में सिखाई जाएगी भगवद्गीता !

हिन्दू धर्म की अद्वितीय सीख सार्वत्रिक, सार्वकालिक तथा सभी लोगों के लिए उपयुक्त है । ऐसा पाठ्यक्रम आरंभ करने के लिए इलाहाबाद विश्वविद्यालय का अभिनंदन !

हिन्दुओं के विरोध के उपरांत ‘फिनोलेक्स’ कंपनी ने भगवान श्रीकृष्ण का अपमानित विज्ञापन हटाया !

हिन्दू जनजागृति समिति ने ‘एक्स’ (पूर्व के ट्विटर) से किया था विरोध !

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के निमित्त : भगवान श्रीकृष्ण की उपासना

हमारे उपास्यदेवता की विशेषता तथा उनकी उपासना से संबंधित अध्यात्मशास्त्रीय जानकारी ज्ञात होने पर देवता के प्रति श्रद्धा निर्माण होती है । यह उद्देश्य ध्यान में रखकर इस लेख में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के निमित्त श्रीकृष्ण भगवान की कुछ विशेषताएं तथा उनकी उपासना से संबंधित उपयुक्त अध्यात्मशास्त्रीय जानकारी दी जा रही है ।

सनातन के ‘देवताओं की उपासना’ ग्रन्थमाला के ग्रन्थ

श्रीकृष्ण के विविध नाम और उनका अर्थ, श्रीकृष्ण की गुण-विशेषताएं और कार्य इस संदर्भ मे पढिये ‘श्रीकृष्ण (लघुग्रन्थ)’ में

अपना उद्धार स्वयंको ही करना है !

कोई गुरु अथवा ईश्वर आकर हमसे हुई चूकोंका, पापोंका परिणाम नष्ट नहीं करेंगे, हमारा स्वभाव नहीं सुधारेंगे । हम भाग्यशाली हैं कि हमें ग्रंथोंसे, गुरुओंसे मार्गदर्शन मिला है । अब आगे हमें अपनी चित्तशुद्धि करनी है, हमें ही करनी है !

‘अनंत’में जानेकी यात्राकी सिद्धता

जीवनमें सुख तो जौ (यव) धान्य के एक दानेके बराबरका है, तो दु:ख पहाड जितना है । इन दु:खोंकी पुनरावत्तियां टालनेके लिये किसी साधनासे अंतिम यात्राकी सिद्धता की, तो ‘अनंत’में विलीन होकर जन्म-मृत्युकी यात्राओंका अंत होगा ।

धर्मनिरपेक्षता के चाहे कितने भी ढोल पीटे जाएं; परंतु भारत की आत्मा, जो सनातन धर्म वह कभी भी परिवर्तित नहीं होगी ! – अधिवक्ता (डॉ.) एस्.सी. उपाध्याय, सर्वोच्च न्यायालय

संविधान की मूल प्रति के पृष्ठों पर कहीं पर भी मोहम्मद पैगंबर एवं यीशू के चित्र नहीं थे; अपितु केवल श्रीराम, श्रीकृष्ण एवं बुद्ध के चित्र थे ।