में भाजपा सरकार का आदेश
भोपाल (मध्य प्रदेश) – मध्यप्रदेश में भाजपा सरकार ने राज्य के सभी पाठशालाओं तथा महाविद्यालयों में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मनाने का आदेश दिया है । सरकार ने सभी विभागीय आयुक्तों तथा जिला अधिकारियों को आदेश प्रसारित कर कहा कि २६ अगस्त को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के निमित्त प्रत्येक जिले में स्थित श्रीकृष्ण मंदिर की स्वच्छता कर वहां सांस्कतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाए । इसके अतिरिक्त शासकीय-निमशासकीय पाठशालाओं तथा महाविद्यालयों में श्रीकृष्ण द्वारा ग्रहण की गई शिक्षा, मित्रता तथा श्रीकृष्ण द्वारा बताये गए जीवन के तत्त्वज्ञान, इस विषय पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाए ।
Schools and Colleges directed to hold events to celebrate Krishna Janmashtami by the BJP government in Madhya Pradesh.
Programs that highlight Bhagwan Shri Krishna’s teachings, as well as themes of friendship, life philosophy and values to be organised.
Commendable decision by… pic.twitter.com/0YADOUUhiI
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) August 24, 2024
(और इनकी सुनिए.. ) ‘शिक्षा का धर्मांतरण’ हो रहा है ! – कांग्रेस
सरकार के इस आदेश को कांग्रेस ने ‘शिक्षा का धर्मांतरण’ कहा है । (शिक्षा का धर्मांतरण नहीं, अपितु ‘घरवापसी’ हो रही है । कांग्रेस ने शिक्षा का ‘इस्लामीकरण’ किया था, उसे परिवर्तित कर व्यवस्थित किया जा रहा है ! – संपादक) ‘शैक्षणिक संस्था´ शिक्षा का केंद्र है, जो केवल शिक्षा तक ही मर्यादित रहना चाहिए , कांग्रेस ने ऐसा कहा है । कांग्रेस के विधायक आरिफ मसूद ने कहा कि समझमें नहीं आ रहा है कि राज्य सरकार शैक्षणिक संस्था नष्ट करने में क्यों लिप्त है । धार्मिक कार्यक्रमों के दिन पाठशालाओं तथा महाविद्यालयों में अवकाश होता है तथा सभी धर्म के लोग अपनी-अपनी पद्धति से यह दिन मनातेे हैं । एक ओेर आप शैक्षणिक संथाओं में जन्माष्टमी अनिवार्य बताते हैं तथा दूसरी ओर हमारे मदरसोंपर प्रश्न चिन्ह लगाते हैं। (श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मनाने से बच्चे आदर्श नागरिक तथा नीतिवान बनेंगे । मदरसों से शिक्षा ग्रहण करनेवालेे आतंकवादी बनते हैं, अधिकांशतः ऐसा ही पाया गया है । केवल यही नहीं, अपितु ऐसे मदरसों में लडके-लडकियों पर वहां के शिक्षक लैंगिक अत्याचार करते हैं, सदैव यह बात उजागर होती है ! – संपादक) आप वास्तव में चाहते क्या हैं ?, उन्होंने ऐसा प्रश्न पूछा।
जन्माष्टमी हर्षोल्लास से मनाई गई, तो क्या कांग्रेसी लोग मथुरा में जाना बंद कर देंगे ? – मुख्यमंत्री मोहन यादव
राज्य के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कांग्रेस को प्रत्युत्तर में कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने ५ सहस्र वर्षपूर्व शिक्षा का महत्त्व बताया था । भगवान श्रीकृष्ण मथुरा से उज्जैन शिक्षा प्राप्त करने आए थे। धनवान तथा निर्धन के मध्य मैत्री का सबसे बडा उदाहरण अर्थात नारायण धाम में श्रीकृष्ण तथा सुदामा के मध्य मित्रता । भगवान श्रीकृष्ण के शौर्य का प्रतीक होने वाले स्थान को रेखांकित करने में क्या अनुचित है ? क्या जन्माष्टमी को श्रीकृष्ण के स्थल का स्मरण नहीं करते , यदि ऐसा है तो मथुरा का स्मरण क्यों होता है ? यदि मथुरा में जन्माष्टमी हर्षोल्लास से संपन्न की गई, तो क्या कांग्रेसी लोग मथुरा जाना बंद कर देंगे ? यह अनादर है ।
If Janmashtami is celebrated in a grand way, will Congress members stop going to Mathura ? – Madhya Pradesh Chief Minister Mohan Yadav
This is ‘conversion of education’! – Congress regarding Govt Orders for celebrating Shri Krishna Janmashtami pic.twitter.com/AA8ICxIeJ6
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) August 24, 2024
संपादकीय भूमिकाभाजपा सरकार का अभिनंदनीय निर्णय ! प्रत्येक राज्य को ऐसा निर्णय लेने की अपेक्षा केंद्र सरकार को हिन्दुओं का त्यौहार मनाने का आदेश पूरे देश के लिए देना चाहिए ,हिन्दुओं को ऐसा ही प्रतीत होता है ! |