शाहजहापुर (उत्तर प्रदेश) की घटना !
शाहजहापुर (उत्तर प्रदेश) – यहां सफोरा गांव में विनोद सिंह की १३ वर्ष की पूजा नाम की बेटी को सपने में भगवान श्रीकृष्णजी ने दर्शन दिए । साथ ही कहा कि एक दरगाह की भूमि में भगवान की मूर्ति गाड दी है । उसके अनुसार पूजा के परिजनों ने वहां उत्खनन किया । तब वहां भगवान श्रीकृष्णजी की मूर्ति मिली ।
(सौजन्य : sanatan samachar)
१. पूजा ने जब परिजनों को भगवान श्रीकृष्ण ने सपने में मूर्ति की जानकारी देने के विषय में कहा, तब उसके परिजनों ने उसकी अनदेखी की थी । जिस पूजा ने १० दिन खाना-पीना छोड दिया था । अंत में परिजनों को पूजा की बात माननी पडी ।
२. पूजा पर विश्वास रखकर उसके पिताजी विनोद सिंह पूजा को लेकर गांववासियों के साथ दरगाह के निकट पहुंचे । सपने में जिस स्थान पर उसने मूर्ति को देखा था, उस स्थान पर पूजा ने रेखा खींची । यह स्थान दरगाह से ३० मीटर की दूरी पर है । वहां प्रथम पूजा कर खनन काम आरंभ किया गया । इसकी जानकारी मिलते ही दरगाह के व्यवस्थापक मोहम्मद आमिर उर्फ गुड्डू मियां वहां पहुंचा । उसने उत्खनन का विरोध किया । इस पर बहुत देर तक विवाद हुआ; परंतु विवाद के समय भी खननकार्य चालू ही था । अनुमान से ३ फूट खनन करने के पश्चात १ फूट ऊंची प्राचीन श्रीकृष्ण मूर्ति मिली ।
३. विनोद सिंह ने दरगाह से ढाई कि.मी. दूरी पर अपने खेत में मूर्ति की स्थापना की । तदनंतर अन्य लोग मूर्ति की पूजा करने लगे । यहां दर्शन के लिए भीड लगने लगी । इसलिए सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस व्यवस्था भी की गई है । उपजिला दंडाधिकारी अंजली गंगवार ने कहा, ‘इस मूर्ति के पुरातत्वीय महत्त्व की जांच की जाएगी ।’
४. एस.एस. कालेज के इतिहास विभाग के अध्यक्ष विकास खुराना ने कहा, ‘यह तांबे की मूर्ति गुप्त काल की लगती है । ७ वें शतक में ऐसी मूर्तियां बनाई जाती थीं । पुरातत्व जांच के पश्चात सब कुछ स्पष्ट होगा ।
संपादकीय भूमिकाक्या इस दरगाह के स्थान पर पूर्व में हिन्दुओं का मंदिर था ? अब इसकी जांच होना भी आवश्यक है । इस संदर्भ में हिन्दू संगठनों को अगुवाई करनी चाहिए ! |