सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी के ओजस्वी विचार

‘हमें जिस विषय की जानकारी नहीं है, जिस विषय का हमने अध्ययन नहीं किया, उस विषय पर समाज में संदेह निर्माण हो, इस प्रकार की बातें और काम करना, क्या इसे वास्तविक बुद्धिवादी का लक्षण माना जा सकता है ?’

Life Imprisonment For Love Jihadist : उत्तर प्रदेश में ‘लव जिहाद’ करने वालों को मिलेगा आजीवन कारावास का दंड !

जो उत्तर प्रदेश सरकार कर सकती है, वह अन्य राज्य क्यों नहीं कर सकते ? क्या वे सोचते हैं कि हिन्दुओं की रक्षा करना उनका कर्तव्य नहीं है ?

Maharashtra Missing Girls : वर्ष २०१९ से २०२१ की कालावधि में महाराष्ट्र से १ लाख युवतियां लापता !

लापता हुई लडकी का छल अथवा बलपूर्वक धर्मांतर हुआ हो तो महाराष्ट्र पुलिस के लिए यह लज्जाजनक ही है !

Maharashtra Missing Girls : वर्ष २०१९ से २०२१ की कालावधि में महाराष्ट्र से १ लाख युवतियां लापता !

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संपादकीय : इजरायल ने प्रतिशोध ले ही लिया !

इजरायल के समान भारत ने जिहादी आतंकवादियों के विरोध में कार्यवाही की होती, तो अब तक भारत आतंकवाद से मुक्त हो गया होता !

जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय का हिन्दूद्वेष !

‘वर्ष १९८८ में जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय को ‘अल्पसंख्यक शिक्षा संस्थान’ घोषित किया गया । इस विश्वविद्यालय से कुछ दिन पूर्व ही चौंकानेवाला एक समाचार सामने आया है ।

Kerala Nirmala College Namaz : एर्नाकुलम् (केरल) के चर्च संचालित महाविद्यालय में मुसलमान छात्रों द्वारा नमाजपठन हेतु स्वतंत्र कक्ष की मांग

अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय, जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय आदि इस्लामी विश्वविद्यालयों में हिन्दू, ईसाई आदि छात्रों को धार्मिक कृत्य करने हेतु स्वतंत्र कक्ष कभी भी दिया गया है क्या ?

जहां धर्म है, वहीं विजय है ! – पू. डॉ. शिवनारायण सेन, सहसचिव, शास्‍त्र धर्म प्रचार सभा, कोलकाता

 ५०० वर्ष मुसलमानों ने भारत को लूटा, मंदिर तोड डाले, परंतु वे हिन्दुओं का विश्‍वास नहीं तोड सके । आक्रामकों ने भारत को बडी मात्रा में लूट लिया, तब भी उस समय भारत की आर्थिक स्थिति विश्व में सुदृढ थी ।

हिन्दू धर्मविरोधियों के द्वारा किए जानेवाले दुष्प्रचार के विरुद्ध आक्रामक नीति आवश्यक ! – डॉ. भास्कर राजू वी., न्यासी, धर्ममार्गम् सेवा ट्रस्ट, तेलंगाना

ईसाई तथा इस्लामी पाखंडी हैं, जबकि वामपंथी देशद्रोही हैं । इन लोगों की विचारधारा को अस्वीकार किया जाना चाहिए । हमने उनकी झूठी कथाओं को खारीज करनेवाला ‘नैरेटिव’ तैयार करना चाहिए ।

कानून बनाने हेतु अनेक देशों ने मनुस्मृति का संदर्भ लिया ! – भारताचार्य पू. प्रा. सु.ग. शेवडेजी, राष्ट्रीय प्रवचनकार तथा कीर्तनकार, मुंबई, महाराष्ट्र

धर्म समझ लेने हेतु भगवान ने वेदों की निर्मिति की । सोना पुराना भी हुआ, तब भी उसका मूल्य न्यून नहीं होता । उसी प्रकार वेद भले ही प्राचीन हों; परंतु उनमें विद्यमान ज्ञान कालबाह्य नहीं होता । वेदों का ज्ञान शाश्वत है, यह बतानेवाले मनु पृथ्वी के पहले व्यक्ति थे मनु राजा थे । जब पाश्चात्त्यों को कपडे पहनने का भी ज्ञान नहीं था, उस समय मनु ने ‘मनुस्मृति’ लिखी ।