केरल में वक्फ बोर्ड के विरोध में ‘सिरो मालाबार चर्च’ का विरोध प्रदर्शन!
अब यह आवश्यक हो गया है कि केरल के गिरजाघरों की तरह हिन्दुओं के सभी संगठन एक साथ आएं और वक्फ अधिनियम को पूर्ण रूप से समाप्त करने के लिए संगठित हों !
अब यह आवश्यक हो गया है कि केरल के गिरजाघरों की तरह हिन्दुओं के सभी संगठन एक साथ आएं और वक्फ अधिनियम को पूर्ण रूप से समाप्त करने के लिए संगठित हों !
जब उत्तराखंड में भाजपा सरकार है तो अवैध मस्जिदों के विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई के लिए हिन्दुओं को विरोध क्यों करना पड रहा है? सरकार स्वयं कार्रवाई क्यों नहीं कर रही है?
देशभर में कुछ मुट्ठीभर हिन्दुओं और सिखों ने मार्ग पर आकर विरोध प्रदर्शन किया, अन्य हिन्दू क्या करेंगे ?
कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार होने के कारण हिन्दुओं के मठ एवं मंदिरों की भूमि को ‘वक्फ भूमि’ घोषित किया जा रहा है। इसका हिन्दुओं को संगठित होकर विरोध करना आवश्यक है !
इसके बाद नालासोपारा रेल्वे स्थानक पर मराठी एकीकरण समिति ने धरना आंदोलन आरंभ कर रेल्वे प्रशासन को चेताया ।
बीबीसी, अर्थात ‘ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन’, हिन्दू द्वेष से ग्रस्त एक समाचार चैनल है तथा भारत एवं हिन्दुओं के बारे में झूठी कहानियां फैलाने के लिए कुख्यात है ।
एक संत को ऐसी मांग करनी पडती है, अर्थात परिस्थिति गंभीर है । राज्य तथा केंद्र में भाजपा की सरकार होने से इस प्रकरण में गंभीरता से उचित निर्णय लेने की आवश्यकता है, अन्यथा हिंदुओं के धार्मिक स्थल पर बांग्लादेश समान परिस्थिति उत्पन्न होने की संभावना है !
मूल में इन देशों के राजदूतों के व्याख्यानों का आयोजन ही क्यूं किया गया था ? आजकल इनमें से २ देशों में युद्ध चल रहा है तथा तीसरा देश युद्ध की कगार पर है ।
हिन्दुओं का ऐसा कहना है कि सरकारी भूमि पर अवैध रूप से मस्जिद का निर्माणकार्य किया गया है ; परंतु जिला प्रशासन का कहना है कि मस्जिद पुरानी है एवं मुसलमान समाज के लोगों की भूमि पर बांधी गई है ।
अगस्त महीने में तथाकथित छात्रों द्वारा किए गए हिंसक आंदोलन के पश्चात प्रधानमंत्री शेख हसीना को देश छोड़कर भारत में शरण लेना पड़ा। अब ढाई महीने बाद, बांग्लादेश के राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन के विरुद्ध आंदोलन आरंभ हो गया है और उनके त्यागपत्र की मांग की जा रही है।