इंदौर (मध्य प्रदेश) – हाल-ही-में यहां के राजवाडा चौक में वक्फ बोर्ड विसर्जित करने हेतु संतों के नेतृत्व में हिन्दुओं द्वारा आंदोलन किया । इस समय वक्फ बोर्ड पूर्ण रूप से विसर्जित करने की मांग करनेवाला एक निवेदन प्रधानमंत्री के नाम दिया गया ।
✊ Under the guidance of saints, a protest was held in Indore, Madhya Pradesh with a demand to abolish the Waqf Board.
Saints demanded that the Waqf Board be completely abolished, as it has become a means for fanatic Mu$l|ms to illegally occupy temple land, government land, and… pic.twitter.com/JFQrtzBhj3
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) December 24, 2024
१. चाहे मंदिर की भूमि हो, सरकारी भूमि हो अथवा किसी की निजी संपत्ति हो, सर्वत्र वक्फ बोर्ड के नाम से मुसलमान कट्टरपंथियों ने अवैध रूप से नियंत्रण प्राप्त किया है ।
२. तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने कानून कर वक्फ बोर्ड को जिस प्रकार के अधिकार दिए हैं, वे भारतीय राज्य संविधान के भी विरोध में हैं ।
३. मुसलमान के तुष्टिकरण हेतु कांग्रेस सरकार ने वक्फ बोर्ड को अवास्तव अधिकार दिए हैं, जो अब देश के लिए घातक सिद्ध हो रहे हैं ।
४. भारत में वक्फ बोर्ड के पास पाकिस्तान की भूमि से भी अधिक भूमि है ।
५. देश के अनेक मुसलमान कट्टरतावादी वक्फ विधेयक के विरोध में आंदोलन के नाम पर केंद्र सरकार पर दबाव डालने का प्रयास कर रहे हैं । वे अनेक स्थान पर दंगेे भडकाने के प्रयास में लगे हैं ।
६. यह वक्फ बोर्ड भारतीय संंविधान के विरोध में है, इसलिए हम केंद्र सरकार से मांग करते हैं कि वक्फ बोर्ड पूर्ण रूप से विसर्जित करें ।
७. इस आंदोलन में संत श्री कालीपुत्र कालीचरण महाराज (पुणे), हिन्दू महासभा के प्रदेशाध्यक्ष जितेंद्र सिंह ठाकुर, महामंडलेश्वर श्री श्री १०८ भरतदास महाराज, श्री श्री १०८ महामंडलेश्वर दिनेश दास महाराज, महामंडलेश्वर विजय रामदास बेटमा, श्री. महंत रुक्मणी देवी , महंत राजनाथ योगी, गणेशदास राजगुरु, बाल मुकुंद पराशर (मुख्य पुजारी गोपाल मंदिर), महंत तुलसी राम (नवग्रह शनि मंदिर कानडीया), मध्य भारतीय आर्य समाज प्रतिनिधि सभा के प्रमुख प्रकाश आर्य , उज्ज्वल स्वामी, महंत राम गोपाल दास तथा महंत कृष्ण दास के साथ सहस्त्रों हिन्दुत्ववादी सम्मिलित हुए थे ।
संपादकीय भूमिकाहिन्दुओं को कष्टदायी सिद्ध होनेवाली चीजें रद्द करने हेतु हिन्दुओं का प्रभावी संगठन न होनेसे संतों को मार्ग पर आना पड रहा है, यह जन्महिन्दुओं के लिए लज्जाजनक ! |