SANATAN PRABHAT EXCLUSIVE : श्री महालक्ष्मीदेवी की मूर्ति का पुनः संवर्धन करने से पूर्व उसका दायित्व निश्‍चित करें ! – महाराष्ट्र मंदिर महासंघ की मांग 

भारतीय पुरातत्व विभाग द्वारा श्री महालक्ष्मीदेवी की मूर्ति का संवर्धन किया जाएगा । इसके कारण यदि मूर्ति को क्षति पहुंचती है, तो उसका सटीक दायित्व निश्‍चित किया जाए, ऐसी मांग महाराष्ट्र मंदिर महासंघ की ओर से कोल्हापुर के जिलाधिकारी के पास निवेदन द्वारा की गई है ।

पुणे जिले के ७१ मंदिरों में वस्त्र संहिता लागू !

मंदिरों की पवित्रता को बनाए रखने तथा हमारी महान भारतीय संस्‍कृति के प्रसार के लिए, पुणे जिले के ज्‍योतिर्लिंग श्रीक्षेत्र भीमाशंकर के साथ-साथ पुणे के ग्राम देवता कसबा गणपति मंदिर सहित ७१ मंदिरों में वस्त्र संहिता लागू करने का निर्णय लिया गया है ।

सतारा जिले के ३२ से अधिक मंदिरों में आदर्श वस्त्र संहिता लागू ! – सुनील घनवट, संयोजक, महाराष्ट्र मंदिर महासंघ

बैठक में जिले के ३२ से अधिक मंदिरों के न्‍यासियों ने भारतीय संस्‍कृति के अनुरूप मंदिरों में आदर्श वस्‍त्र संहिता लागू करने का निर्णय लिया है, यह जानकारी ‘महाराष्ट्र मंदिर महासंघ’ के संयोजक श्री. सुनिल घनवट ने दी ।

मुंबई के समीप घारापुरी गुफाएं भगवान शिव का प्राचीन स्थान; महाशिवरात्रि के दिन पूजा की अनुमति मिले !

महाराष्ट्र मंदिर महासंघ की केंद्रीय पुरातत्व विभाग से मांग ! 

मानसम्मान को बाजू में रखकर धर्म तथा मंदिरों के लिए ‘मंदिर रक्षक’ के रूप में एकत्र आएं ! – लखमराजे भोसले, युवराज, सावंतवाडी संस्थान

माणगांव (सिंधुदुर्ग) में महाराष्ट्र मंदिर ट्रस्ट सम्मेलन में ३७५ से अधिक मंदिर ट्रस्टियों ने भाग लिया !

जब तक देह में प्राण हैं, तब तक मठ-मंदिर तथा सनातन धर्म की रक्षा का व्रत लो ! – महंत सुधीरदासजी महाराज, कालाराम मंदिर, नाशिक

मंदिरों की सुरक्षा तथा संरक्षण के लिए श्री विघ्‍नहर्ता गणपति मंदिर, लेण्‍याद्री गणपति मंदिर, श्रीक्षेत्र भीमाशंकर मंदिर, हिन्‍दू जनजागृति समिति तथा महाराष्ट्र मंदिर महासंघ के सहयोग से यह सम्‍मेलन आयोजित किया गया । इस सम्‍मेलन में ५५० मंदिरों के प्रतिनिधि, न्‍यासी तथा पुजारी सम्मिलित हुए ।

श्रीक्षेत्र आळंदी के साथ सभी मंदिर तथा तीर्थस्थान ‘मद्य-मांस मुक्त’ करें ! – आळंदी में वारकरी अधिवेशन में सभी की ओर से की गई मांग

वारकरियों की विविध मांगों के लिए ९ दिसंबर को हिन्दू जनजागृति समिति, राष्ट्रीय वारकरी परिषद और वारकरी संप्रदाय की ओर से आळंदी में १७ वे वारकरी अधिवेशन का आयोजन किया गया ।

कालानुरूप अपेक्षित ऐसे प्रचारमाध्यमों का प्रयोग कर मंदिरों द्वारा उनके विषय समाज तक पहुंचने चाहिएं ! – श्री. नीलेश खरे, संपादक, ‘जी २४ तास’

अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचने के लिए हमने तीर्थयात्रा, मेलों के वृत्त चैनल पर कैसे प्रसारित कर सकेंगे ‘, इसका विचार कर इसका वृत्त देने का प्रयास किया ।

Advocate Vishnu Jain : काशी-मथुरा मुक्त कर पुनः सनातन धर्म को सौंपने का समय आ गया है ! – अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन, सर्वोच्च न्यायालय

ओजर में आयोजित ‘महाराष्ट्र मंदिर-न्यास परिषद’ में उपस्थित मंदिरों के न्यासियों को मंदिरों की रक्षा के लिए संघर्ष करने का आवाहन करते समय ऐसा बोल रहे थे ।

धर्म, भक्त एवं देवताओं का हित ध्यान में लेकर मंदिरों का व्यवस्थापन करें !

‘मंदिर सुव्यवस्थापन’ परिसंवाद में न्यासियों की भावना !