ढाका – बांग्लादेश में ‘इस्कॉन’ के सदस्य श्री चिन्मय कृष्ण दास प्रभु को कारागार से मुक्त कराने के लिए शांतिपूर्ण ढंग से आंदोलन करने वाले ४७ हिन्दुओं को ठाकुरगांव जनपद की पुलिस ने बंदी बनाया है । इन आंदोलकारियों ने प्रदर्शन के नियमों को तोड़कर राज्य के विरुद्ध अपराध किया है, यह दावा पुलिस ने किया है । ‘बांग्लादेश माइनॉरिटी वॉच’ के मानवाधिकार स्वयंसेवकों ने ‘सनातन प्रभात’ के प्रतिनिधि को बताया कि हिन्दू आंदोलनकारियों की ओर से कोई हिंसा नहीं हुई; फिर भी शांतिपूर्ण मार्ग से प्रदर्शन करने वाले हिन्दुओं पर फौजदारी मुकदमे दर्ज किए गए । यह धार्मिक अल्पसंख्यकों के मौलिक अधिकारों का हनन है ।
‘बांगलादेश माइनॉरिटी वॉच’ के अध्यक्ष पू. रवींद्र घोष ने इस प्रकरण में पुलिस अधीक्षक और उपायुक्त से संपर्क कर कहा कि बिना किसी वैधानिक अधिकार के अल्पसंख्य हिन्दुओं के विरुद्ध झूठे मुकदमे रचकर उन्हें गिरफ्तार करने से मैं अत्यंत चिंतित हूं । अल्पसंख्य हिन्दू पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए सरकार उन्हें मुक्त कराए, यह मांग उन्होंने ने की है ।
संपादकीय भूमिकाबांग्लादेश में हिन्दुओं पर अत्याचार रोकने के लिए भारत सरकार को बांग्लादेश पर दबाव डालना चाहिए, यह भारतीयों की अपेक्षा है ! |