Vrindavan Dharma Sansad : देसी गाय को ‘राष्ट्रमाता’ घोषित करने की मांग !
मूलतः धर्म संसद तथा उसमें शामिल सन्तों एवं धर्मगुरुओं को ऐसी मांग करने की आवश्यकता ही नहीं रहनी चाहिए । यह काम सरकार को स्वयं ही करना चाहिए !
मूलतः धर्म संसद तथा उसमें शामिल सन्तों एवं धर्मगुरुओं को ऐसी मांग करने की आवश्यकता ही नहीं रहनी चाहिए । यह काम सरकार को स्वयं ही करना चाहिए !
देश में मुस्लिम मौलवी हिन्दू विरोधी सरकारों को वोट देने का आह्वान कर रहे हैं । ऐसे में हिन्दू समुदाय को भी एकजुट होकर हिंदुत्व पार्टियों के समर्थन में वोट करना चाहिए ।
दिल्ली की धर्म संसद में द्वारका पीठ के शंकराचार्य सदानंद सरस्वती का बयान
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने अपने भाषण में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री तथा भाजपा नेता योगी आदित्यनाथ के भगवा वस्त्र की आलोचना की ।
संत तथा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में कोई विशेष अंतर नहीं है । संत मंदिर में पूजा करते हैं, जबकि संघ के कार्यकर्ता बाहर रह कर उसकी सुरक्षा में लिप्त रहते हैं ।
यहां के महान संत प.पू. दत्त महाराज कुलकर्णी ने ३ नवंबर को सायंकाल ७.५५ बजे ९४ वर्ष की अवस्था में देहत्याग किया ।
एक संत को ऐसी मांग करनी पडती है, अर्थात परिस्थिति गंभीर है । राज्य तथा केंद्र में भाजपा की सरकार होने से इस प्रकरण में गंभीरता से उचित निर्णय लेने की आवश्यकता है, अन्यथा हिंदुओं के धार्मिक स्थल पर बांग्लादेश समान परिस्थिति उत्पन्न होने की संभावना है !
जाति व्यवस्था बुरी है’, ऐसा कहने वाले ही इस व्यवस्था को पोस रहे हैं । एक ओर वे कहते हैं, ‘हमारी कोई जाति नहीं है’, तो दूसरी ओर सभी क्षेत्रों में जाति व्यवस्था को पुष्ट करने का कार्य करते हैं ।
भारत में हिन्दू संतों, महंतों, धार्मिक गुरुओं तथा पुजारियों की फिल्मों, जनसंचार माध्यमों तथा अन्य माध्यमों से आलोचना की जाती है । इसके विपरीत, कई वासनात्मक गतिविधियों में लिप्त मौलाना अथवा पादरी के संबंध में कुछ नहीं कहा जाता है ।
उडुपी के पेजावर मठ के विश्व प्रसन्न स्वामीजी की मांग !