अध्यात्मशास्त्र के आधार से भारत कैसे हिन्दू राष्ट्र बन सकता है ?, यह जान लेने हेतु सनातन संस्था की प्रदर्शनी !

प्रयागराज के महाकुंभपर्व में सनातन धर्म, संस्कृति एवं परंपराओं का वैज्ञानिक एवं आध्यात्मिक आधार समझानेवाली ‘सनातन संस्कृति प्रदर्शनी’ लगाई गई है ।

दान भारतीय संस्कृति की अभिव्यक्ति है ! – स्वामी अवधेशानंद गिरि

‘नेत्र कुंभ’ में ५ लाख से अधिक लोगों के नेत्रों की जांच होगी तथा ३ लाख से अधिक चश्मे बांटे जाएंगे । इसके साथ ही भक्तों को निःशुल्क औषधियां तथा शस्त्रक्रिया की सुविधा भी प्रदान की जाएगी l

साधु-संतों और मनीषियों का संसार

साधु-संतों का अपना निराला विश्व है । बाहर से सामान्य दिखनेवाले इन साधुओं के भी कई नाम एवं प्रकार होते हैं । कुछ साधु अपने हठयोग के लिए जाने जाते हैं, कुछ अपने संप्रदाय के नाम से । साधु-संत अपनी काया को कष्ट देकर ईश्वर की साधना में दिन-रात लगे रहते हैं ।

जैसा कि शिरडी में ‘महाराष्ट्र मंदिर ट्रस्ट परिषद’ में लिए निर्णय के अनुसार, सोलापुर से ‘मंदिर सामूहिक आरती’ आरंभ हो गई है !

हाल ही में शिरडी में ‘महाराष्ट्र मंदिर न्यास परिषद’ में सैकड़ों मंदिर ट्रस्टियों द्वारा एक निर्णय लिया गया की जहां मंदिर है वहा सामूहिक आरती की जायेगी , जिसमें मांग की गई कि मंदिरों और मंदिर की भूमि पर अतिक्रमण तुरंत हटाया जाए।

UP CM On SANATAN DHARMA : सनातन धर्म ही विश्व में शांति प्रस्थापित कर सकता है ! – उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

सनातन धर्म भारत का राष्ट्रीय धर्म है । उसकी रक्षा करने हेतु हम सभी को मिल कर प्रयास करने चाहिए, उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यहां ऐसा आवाहन किया । ‍वे यहां के एक धार्मिक विधि में सम्मिलित होने हेतु आए थे ।

Kerala Governor On BhagavadGita : केवल श्रीमद्भगवद्गीता ही मानवता का कल्याण करेगी !

केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान का वक्तव्य ! धर्मनिरपेक्षता के नामपर विद्यालय में श्रीमद्गवद्गीता सीखाने का विरोध करनेवालों को इस विषय में क्या कहना हैं ?

मंत्रोच्चारण, अग्निहोत्र, यज्ञ एवं साधना के द्वारा ही पर्यावरण का वास्तविक संतुलन बनाया रखा जा सकता है ! – शॉन क्लार्क

प्राचीन भारतीय शास्त्रों के अनुसार कालचक्र के अनुसार विश्व ऊपर-नीचे होता रहता है । रज-तमोगुण की प्रबलता बढने के कारण उसका नकारात्मक प्रभाव पृथ्वी, आप, तेज, वायु एवं आकाश इन पंचमहाभूतों पर पडता है । उसके फलस्वरूप पृथ्वी पर प्राकृतिक आपदाएं बढती हैं ।

Arun Govil On Obscenity In OTT : ‘ओटीटी’ पर लज्जाजनक कथासार के प्रदर्शनसे भारतीय संस्कृति को अपरिमित हानी !

गत ३-४ वर्षों से अनेक लोग और संगठन ‘ओटीटी’ पर अंकुश लगाने के लिए आवाज उठा रहे हैं। तथापि सरकार की ओर से इस संबंध में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। लोगों का मानना है कि सरकार को संस्कृति के संरक्षण के साथ-साथ समाज मन के सशक्तिकरण को भी प्राथमिकता देनी चाहिए!

भारत को अपनी महान हिन्दू संस्कृति को पुनर्स्थापित करना चाहिए ! – अलेक्जेंडर डुगिन, पुतिन के राजनीतिक गुरु

डुगिन ने अखण्ड भारत पर भी टिप्पणी की है !

भारत में हो रही बलात्कार की घटनाओं पर वैश्विक प्रसारमाध्यम क्यों अपना ध्यान केंद्रित कर रहे हैं ?

अनेक भारतीय उनके द्वारा बुने जानेवाले भारत विरोधी जाल में फंस जाते हैं तथा ‘हमारे देश में महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं’, उनकी इस बात पर सहमत हो जाते हैं । वास्तव में देखा जाए, तो ‘विश्व के अनेक स्थानों की अपेक्षा भारत में महिलाएं अधिक सुरक्षित हैं’, प्रसारमाध्यमों को ऐसा बताना चाहिए ।