सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी के ओजस्वी विचार

‘मुझे ‘यह चाहिए’, ‘वह चाहिए’, ऐसा शासनकर्ताओं से मांगनेवाले और ‘मुझे अपना मत दीजिए’, ऐसा जनता से मांगनेवाले नेता ईश्वर को प्रिय होंगे अथवा राष्ट्र एवं धर्म के लिए सर्वस्व का त्याग करनेवाले ईश्वर के प्रिय होंगे ?’

कोटि कोटि प्रणाम !

सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी की ‘एक आध्यात्मिक उत्तराधिकारिणी’ श्री चित्‌शक्ति (श्रीमती) अंजली मुकुल गाडगीळजी का १४ दिसंबर को ५४ वां जन्मदिन ! इस निमित्त उनके चरणों में कृतज्ञतापूर्वक नमस्कार !

Hindu Girls Face Threat In JMIU : इस्लाम स्वीकारो, अन्यथा बलात्कार का सामना करो ! – जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में हिन्दू लडकियों को धमकी

हिंदुओं को ऐसी धमकी दिल्ली, भारत में मिल रही है या पाकिस्तान में ? ऐसे विश्वविद्यालय शिक्षा के केंद्र नहीं, बल्कि हिन्दू -विरोधी अड्डे बन गए हैं। इसलिए सरकार को ऐसे विश्वविद्यालयों पर तुरंत प्रतिबंध लगाना चाहिए !

वाराणसी (उत्तर प्रदेश) में हिन्दू जनजागृति समिति आयोजित ‘हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन’ संपन्न !

हिन्दूहित के उपक्रमों को गति प्रदान करने के लिए ‘हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन’ वाराणसी में उत्साहपूर्ण वातावरण में संपन्न हुआ । अधिवेशन में ‘हिन्दू राष्ट्र समन्वय समिति’ के माध्यम से हिन्दू राष्ट्र का जन आंदोलन खडा करने का संकल्प किया गया ।

भारत माता को विश्वगुरु बनने की दिशा में मोडना, सभी का कर्तव्य है !

वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव में आए हर व्यक्ति की ‘हिन्दू राष्ट्र’ और हिन्दू समाज के उत्थान के प्रति एक प्रकार की वेदना झलकी । अब समय आ गया है कि हम सभी अपनी सारी ऊर्जा एक ठोस प्रयास में लगा दें । आनेवाला समय निश्चित ही हमारा है ।

श्रीचित्‌शक्ति (श्रीमती) अंजली गाडगीळजी ‘गुरुदेवजी का मनोरथ जानकर’ तथा इस चरण से भी आगे जाकर ‘सप्तर्षि तथा ईश्वर के मनोरथ’ को समझकर दैवी कार्य कर रही हैं !

श्रीचित्‌शक्ति (श्रीमती) गाडगीळजी ने अनेक वर्षों तक सूक्ष्म परीक्षण करना, सूक्ष्म से ज्ञान प्राप्त करना, सूक्ष्म के प्रयोग करना जैसी सूक्ष्म स्तर की सेवाएं की हैं । वर्तमान में वे सूक्ष्म के उस ज्ञान का हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के कार्य में उपयोग कर उस कार्य को गति प्रदान कर रही हैं ।

संपादकीय : राजनीति का भगवाकरण !

राजनीति का भगवाकरण करने हेतु सच्चे संत ही राजनीति की धुरी संभालें, ऐसा हिन्दुओं को लगता है, तो उसमें अनुचित क्या है ?

एक असफल क्रांति !

अक्टूबर १९१७ में रूस में क्रांति हुई । पूरे विश्व में साम्यवादी क्रांति के विचारों की हवा बहने लगी । पीटर फ्राइर ब्रिटिश मार्क्सवादी लेखक था । उसने अपने लेख से तथाकथित क्रांति का बहुत अच्छा विश्लेषण किया ।

यदि पतले व्यक्ति ने व्यायाम किया, तो क्या उसका स्वास्थ्य और बिगड जाएगा ?

‘आप यदि पतले हैं, तब भी आपने व्यायाम किया, तो उससे आपका वजन और घटेगा, ऐसा नहीं है । वास्तव में देखा जाए, तो ऐसी स्थिति में वजन बढाने हेतु तथा शरीर की मांसपेशियों को सशक्त बनाने हेतु ‘व्यायाम’ एक बहुत ही अच्छा प्राकृतिक विकल्प है ।

शारीरिक कष्ट बढने के विविध कारण

शरीर के विभिन्न घटकों के कारण हो रही सूजन अथवा सूजन संबंधी होते जा रहे ‘इंफ्लेमेट्री’ (क्षोभजन्य) परिवर्तन जैसे लक्षण बहुत ही सामान्यरूप से दिखाई दे रहे हैं । उसके निम्न कारण हैं