चमत्कार के द्वारा जोशीमठ गांव का भूस्खलन रोककर दिखाए जयजयकार करेंगे !
ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती की पंडित धीरेंद्रकृष्ण शास्त्री की नाम लिए बिना चुनौती !
ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती की पंडित धीरेंद्रकृष्ण शास्त्री की नाम लिए बिना चुनौती !
केंद्र सरकार को इस ओर तत्काल ध्यान देकर यह अपमान रोकने का प्रयास करना चाहिए !
कॉन्वेंट पाठशालाओं में हिन्दू छात्रों को तिलक, कुमकुम लगाने, चूडियां पहनने इत्यादि कृत्य करने पर प्रतिबंध लगाया जाता है, तो हिन्दुओं की पाठशालाओं में ईसाईयों का उत्सव क्यों मनाएं ?
अपने आप को ‘द्रविड’ मानकर देश के अन्य हिंदुओं से अलग समझने वाले तमिलनाडु के हिंदू द्रोहियों को (थप्पड़) चपकार !
किसी एक विद्यालय द्वारा ऐसा प्रयास करने के स्थान पर केंद्र और राज्य सरकारों को ही इस प्रकार की पुस्तकें बनाना आवश्यक है ! पिछले ७५ वर्षों में ऐसे प्रयास न होना, यह अभी तक की सभी पार्टियों के शासनकर्ताओं के लिए लज्जास्पद ही है !
आज प्रत्येक व्यक्ति धर्माचरण करने लगा, उपासना करने लगा, तो ही वह धर्मनिष्ठ होगा । ऐसे धर्मनिष्ठ व्यक्तियों के समूह से धर्मनिष्ठ समाज की निर्मिति हो सकती है । धर्मनिष्ठ होने के लिए धर्म के अनुसार बताई उपासना अर्थात साधना करना अनिवार्य है ।
बहन के मन पर साधना का महत्त्व अंकित कर उसे उसके जीवन में आमूलचूल परिवर्तन लानेवाले ‘सनातन प्रभात’ की पाठक बनाना और उसे उसमें दी जानेवाली अमूल्य जानकारी पढने के लिए प्रेरित करना, उसके लिए इससे अधिक श्रेष्ठ उपहार अन्य क्या हो सकता है ?
भारत में अनादि काल से हिन्दू संस्कृति है । यह संस्कृति प्रगल्भ विचारधारा लेकर आई है । संसार की अन्य संस्कृतियों का लय हो चुका है, तब भी हिन्दू संस्कृति आज भी टिकी हुई है; क्योंकि यह संस्कृति वैदिक विचारधारा पर आधारित है ।