‘संगम टॉक्स’ के माध्यम से हम हिन्दू धर्म पर हो रहे आघातों को समाज के सामने ला रहे हैं ! – श्रीमती तान्या मनचंदा, संपादक, संगम टॉक्स

हमारी पीढी को विशेषरूप से शहरी पीढी को धर्मशिक्षा नहीं दी गई, यह हमारा दुर्भाग्य है; परंतु यू-ट्यूब वाहिनी (चैनल) ‘संगम टॉक्स’ के माध्यम से हम युवकों के लिए हिन्दुत्व के विषय में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन कर रहे हैं । हम इस माध्यम से युवकों को हिन्दू धर्मकार्य की ओर आकर्षित कर रहे हैं ।

तमिलनाडु में हिन्दूविरोधी कार्रवाईयों को सरकारी समर्थन ! – श्री. अर्जुन संपत, संस्थापक अध्यक्ष, हिन्दू मक्कल कत्छी, तमिलनाडु

तमिलनाडु में भारी मात्रा में हिन्दूविरोधी कार्रवाईयां शुरू हैं, जबकि तमिलनाडु मूलत: हिन्दुओं की पुण्यभूमि है । नई संसद में स्थापित ‘सांगोल’ (धर्मदंड) इस भूमि से ही ले जाया गया है ।

प्रत्येक मंदिर सरकारीकरण से मुक्त होने तक लडाई चलती रहेगी ! – सुनील घनवट, महाराष्ट्र आणि छत्तीसगढ राज्य संगठक, हिन्दू जनजागृति समिति

मंदिरों का धन मंदिरों के लिए अथवा हिन्दू धर्म के लिए ही उपयोग में आए । भारत की धर्मनिरपेक्ष सरकार केवल हिन्दुओं के मंदिर हथियाकर उसका धन हडपने का अथवा मंदिरों की प्राचीन प्रथा-परंपराओं को बदलने का प्रयत्न करती है; परंतु वह मस्जिद अथवा चर्च सरकार के नियंत्रण में नहीं ला सकती ।

मंदिर धर्मशिक्षा के केंद्र बनें ! – सद्गुरु नीलेश सिंगबाळजी, धर्मप्रचारक संत, हिन्दू जनजागृति समिति

‘वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव’ के दूसरे दिन (१७.६.२०२३ को) के द्वितीय सत्र में ‘मंदिरों का सुप्रबंधन’ विषय पर विचारगोष्ठी का आयोजन किया गया, उसे संबोधित करते हुए सद्गुरु नीलेश सिंगबाळजी ऐसा बोल रहे थे ।

वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव के दूसरे दिन ‘मंदिर मुक्ति अभियान’ के सत्र में मान्यवरों ने दिए भाषण

कोल्हापुर की श्री महालक्ष्मीदेवी की मूर्ति की प्रतिदिन अवहेलना हो रही है । यह सब मंदिरों के सरकारी अधिग्रहण का दुष्परिणाम है, इसे ध्यान में लेकर इन मंदिरों को शीघ्रातिशीघ्र सरकारी नियंत्रण से मुक्त करना ही इसका एकमात्र उपाय है ।

पुरी (ओडिशा) के विख्यात जगन्नाथ मंदिर का धनकोष खोलें ! – भाजपा एवं कांग्रेस की मांग

मंदिर सरकार के नियंत्रण में देना, अर्थात गाय को कसाई के हाथों सौंपना ! हिन्दू यह बात कब समझेंगे ? पूरे देश के मंदिरों को सरकारीकरण से मुक्त करने के लिए हिन्दुओं को वैध मार्ग से प्रभावी लडाई लडनी होगी !

मंदिरों की भूमि की नीलामी करने का अधिकार जिलाधिकारियों को नहीं, अपितु पुजारियों को देंगे !

यदि मध्यप्रदेश सरकार ऐसा निर्णय ले सकती है, तो देश के अन्य राज्य सरकारें क्यों नहीं ले सकतीं ? मध्य प्रदेश सरकार को इससे भी आगे बढकर मंदिरों का सरकारीकरण रद्द कर सभी मंदिर भक्तों के नियंत्रण में देने चाहिए !

२४ सहस्र ६३२ मंदिरों की ४ लाख एकड भूमि आंध्र प्रदेश सरकार अपने नियंत्रण में लेगी !

पहले राज्यकर्ता मंदिरों को धन अर्पण करते थे, पऱंतु वर्तमान के राज्यकर्ता मंदिरों का धन लूटते हैं एवं हिन्दू भक्त उसकी ओर निष्क्रियता से देख रहे हैं । यह हिन्दुओं के लिए लज्जाजनक है !

पंढरपुर में श्री विट्ठल – रुक्मिणी मंदिर परिसर में चैत्र यात्रा के समय नारियल बेचने और फोडने पर प्रतिबंध !

मंदिर सरकारीकरण के दुष्परिणाम !
ऐसा निर्णय अन्य धर्मों के उत्सव के समय लेने का साहस प्रशासन दिखाएगा क्या ?

गुजरात में शक्तिपीठ अंबाजीमाता मंदिर में ‘मोहनथाल’ प्रसाद बंद करने से विवाद !

मंदिरों का सरकारीकरण होने पर इससे भिन्न क्या होगा ? गत ६० वर्ष से अधिक काल तक ‘मोहनथाल’ प्रसाद के रूप में देते समय अकस्मात उसे बंद करना मुगलाई ही है ! हिन्दुओं के मंदिर भक्तों के नियंत्रण में देने के लिए हिन्दू राष्ट्र के अतिरिक्त कोई विकल्प नहीं !