Kolhapur Fight For Chhatrapati Shivaji Maharaj University : ‘शिवाजी विद्यापीठ’ का नामविस्तार ‘छत्रपति शिवाजी महाराज विद्यापीठ’ होना ही चाहिए !

कोल्हापुर में मोर्चा के द्वारा सहस्रों हिन्दुओं की ललकार

विशालगढ पर उर्स मनाने की अनुमति दी गई, तो हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों की ओर से महाआरती की चेतावनी !

हिन्दू राष्ट्र समन्वय समिति की ओर से श्री लक्ष्मीनारायण मंदिर में ली गई बैठक में यह चेतावनी दी गई ।

हिन्दुओं पर होने वाला कोई भी प्रहार कभी सहन नहीं करेंगे ! – धनंजय महाडिक, सांसद, भाजपा

विशालगढ में हिन्दुओं के आक्रोश के पश्चात, कुछ राजनीतिक लोगों को अल्पसंख्यकों के प्रति दया आ गयी तथा वे तुरंत उनकी सहायता के लिए गढपर चले गए। इसके विपरीत कोल्हापुर शहर में जब ‘जय श्री राम’ का उद्घोष हुआ तो वहां के हिन्दू छात्रों की सहायता के लिए कोई नहीं गया।

हिन्दुओं में शौर्य की वृद्धि हो और रामराज्य के कार्य के लिए बल प्राप्त हो, इसलिए पूरे देश में ७५७ स्थानों पर सामूहिक गदापूजन !

महाराष्ट्र में ६४२ स्थानों पर गदापूजन

मानसम्मान को बाजू में रखकर धर्म तथा मंदिरों के लिए ‘मंदिर रक्षक’ के रूप में एकत्र आएं ! – लखमराजे भोसले, युवराज, सावंतवाडी संस्थान

माणगांव (सिंधुदुर्ग) में महाराष्ट्र मंदिर ट्रस्ट सम्मेलन में ३७५ से अधिक मंदिर ट्रस्टियों ने भाग लिया !

जब तक देह में प्राण हैं, तब तक मठ-मंदिर तथा सनातन धर्म की रक्षा का व्रत लो ! – महंत सुधीरदासजी महाराज, कालाराम मंदिर, नाशिक

मंदिरों की सुरक्षा तथा संरक्षण के लिए श्री विघ्‍नहर्ता गणपति मंदिर, लेण्‍याद्री गणपति मंदिर, श्रीक्षेत्र भीमाशंकर मंदिर, हिन्‍दू जनजागृति समिति तथा महाराष्ट्र मंदिर महासंघ के सहयोग से यह सम्‍मेलन आयोजित किया गया । इस सम्‍मेलन में ५५० मंदिरों के प्रतिनिधि, न्‍यासी तथा पुजारी सम्मिलित हुए ।

श्रीकृष्ण के प्रति आस्था एवं भक्ति भाव में वृद्धि करनेवाला एक विद्वतापूर्ण ग्रंथ: ‘योगेश्वर श्रीकृष्ण’ ! – सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवले

सनातन संस्था के प्रचारक सद्गुरु स्वाती खाड्येजी के करकमलों से वरिष्ठ लेखक एवं व्याख्याता श्री. दुर्गेश पारुलकर लिखित ग्रंथ ‘योगेश्वर श्रीकृष्ण’ का लोकार्पण हुआ ।

परिपूर्ण सेवा करनेवाले एवं पितृवत प्रेम करनेवाले श्री.अरविंद सहस्रबुद्धे एवं चिकाटी से व्यष्टि एवं समष्टि साधना करनेवालीं श्रीमती वैशाली मुंगळे संतपद पर विराजमान !

पू. सहस्रबुद्धेजी के जीवन में साधना के कारण हुए परिवर्तन, उनके द्वारा स्थिरता से सर्व कठिन प्रसंगों का सामना करना, सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी के प्रति उनकी श्रद्धा आदि प्रसंग सुनकर उपस्थित लोगों का भाव जागृत हुआ ।

वाई (जनपद सातारा) की पू. (श्रीमती) मालती नवनीतदास शहा (आयु ८३ वर्ष) के संतसम्मान समारोह का भाववृत्तांत !

मूल पुणे की तथा वर्तमान में वाई स्थित श्रीमती मालती नवनीतदास शहा (आयु ८३ वर्ष) सनातन की १२० वीं व्यष्टि संतपद पर विराजमान हुईं, सदगुरु स्वाती खाड्ये ने ४ अगस्त २०२२ को सभी को यह शुभ समाचार दिया । उपस्थित सभी ने इस समारोह के भावानंद को अनुभव किया ।

साधकों, ‘छवि बचाना’ के साथ ही अन्य स्वभावदोषों की बलि न चढ, अधिकाधिक लोगों से संपर्क करें !’ – सद्गुरु (सुश्री) स्वाती खाडयेजी, धर्मप्रचारक, सनातन संस्था

उपक्रमों के उपलक्ष्य में समाज के लोगों से संपर्क करने पर ऐसा ध्यान में आया है कि वे हमारी प्रतीक्षा ही कर रहे हैं । इसके विपरीत साधक समाज में जाकर अर्पण मांगने एवं प्रायोजक ढूंढने की सेवा के प्रति उदासीन हैं । साधकों में ‘प्रतिमा संजोना’, अहं का यह पहलू प्रबल होने से वे समाज में जाकर अर्पण मांगने में हिचकिचाते हैं ।