VHP Demands Control Hindu Temples : देश भर में राष्ट्रीयकृत मंदिरों का नियंत्रण हिन्दुओं को दो ! – विहिप

जबकि केंद्र और देश के कई राज्यों में भाजपा की सरकार है , सबसे पहले इन राज्यों में हिन्दू मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त कर भक्तों को सौंप दिया जाना चाहिए । हिन्दुओं को लगता है कि हिन्दुओं को इसकी मांग नहीं करनी चाहिए !

वैश्‍विक हिन्दू राष्‍ट्र अधिवेशन का पांचवां दिन (२८ जून) – उद़्‍बोधन सत्र : मंदिर संस्‍कृति का पुनर्जीवन

मंदिर के पुरोहितों का धर्म केवल लोगों को तिलक लगाने तक ही मर्यादित नहीं है । हिन्दुओं को धर्म की शिक्षा देना भी उनसे अपेक्षित है । उससे हिन्दुओं का धर्माभिमान बढकर उनका मनोबल बढेगा औेर सभी संगठित होंगे ।

गर्भगृह का काम १०% भी पूर्ण नहीं, साथ ही काम के स्थान पर पुरातत्व विभाग का एक भी सक्षम अधिकारी उपस्थित नहीं ! – ह.भ.प. रामकृष्ण वीर महाराज

गर्भगृह का ग्रेनाइट पत्थर निकालकर मूल स्वरूप देने के लिए श्री विट्ठल के पदस्पर्श दर्शन बंद किए गए थे; लेकिन पिछले ४५ दिनों में केवल ग्रेनाइट ही निकाला है । गर्भगृह के काम को प्रधानता नहीं दी गई है ।

पारंपरिक वाद्य ले जानेवाले भक्तों को मंदिर के महाद्वार पर ही रोक दिया जाता है !

ये सभी प्रथा-परंपराओं का पालन करते समय पारंपरिक वाद्य बजाए जाते हैं । विधि के लिए भक्त धूमधाम से देवी के मंदिर में आते हैं । प्रतिबंधित करने से यह परंपरा बंद हो जाने का भय है ।

SANATAN PRABHAT EXCLUSIVE : श्री महालक्ष्मीदेवी की मूर्ति का पुनः संवर्धन करने से पूर्व उसका दायित्व निश्‍चित करें ! – महाराष्ट्र मंदिर महासंघ की मांग 

भारतीय पुरातत्व विभाग द्वारा श्री महालक्ष्मीदेवी की मूर्ति का संवर्धन किया जाएगा । इसके कारण यदि मूर्ति को क्षति पहुंचती है, तो उसका सटीक दायित्व निश्‍चित किया जाए, ऐसी मांग महाराष्ट्र मंदिर महासंघ की ओर से कोल्हापुर के जिलाधिकारी के पास निवेदन द्वारा की गई है ।

श्रीराम की आलोचना करनेवालों पर कानूनन कठोर कार्रवाई के लिए ‘राम निंदा विरोधी कानून बनाएं ! – श्रीराम भक्‍तों की मांग

‘मुस्‍लिमों का लाभ एवं हिन्‍दुओं के लिए कानून’ इस प्रकार धार्मिक पक्षपाती कानून तत्‍कालीन कांग्रेस सरकार ने बनाए थे । केंद्र की मोदी सरकार को ये कानून रद्द करने चाहिए, ऐसी मांग इस समय की गई ।

संपादकीय : मंदिर की अग्रपूजा में भ्रष्टाचार !

‘मंदिरों का सरकारीकरण, व्यवस्थापन के लिए न होकर ‘भ्रष्टाचार के लिए और एक आय के साधन’ से अलग कुछ नहीं, उन मंदिरों की यही दुःस्थिति है ।

SANATAN PRABHAT EXCLUSIVE : श्री विठ्ठल-रुक्मिणी मंदिर समिति के दायित्वशून्य कामकाज की कार्यकारी अधिकारियों द्वारा स्वीकृती !

प्रसाद के लिए किए गए लड्डुओं की गुणवत्ता नहीं रहीं, इस बात का कार्यकारी अधिकारी राजेंद्र शेळके ने पत्रकारवार्ता में स्वीकार किया ।

SANATAN PRABHAT EXCLUSIVE : श्री विठ्ठल के आभूषणों में छत्रपति शिवाजी महाराज, अहिल्याबाई होळकर तथा बाजीराव पेशवा के द्वारा अर्पित आभूषणों का था समावेश !

अब सरकार को ये आभूषण वैसे ही हैं न, इसकी आश्वस्तता कर श्रद्धालुओं को उसकी जानकारी देनी चाहिए !

Hindu Temples : मंदिरों की पवित्रता टिकाए रखकर गोवा में आध्यात्मिक पर्यटन को आगे बढाने की आवश्यकता ! – रमेश शिंदे, राष्ट्रीय प्रवक्ता, हिन्दू जनजागृति समिति

मंदिर में साक्षात भगवान का वास होने से उसे ‘देवस्थान’ कहा जाता है । हे देवताभक्तों, मंदिर हिन्दुओं की उपासना के केंद्र बनने चाहिएं । – सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी