हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा ‘श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास’ के महासचिव श्री. चंपत राय से सद्भावना भेट !

इस अवसर पर शॉल एवं भेंटवस्तु प्रदान कर उन्हें सम्मानित किया गया ।

राजस्थान में हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा गणेशोत्सव निमित्त प्रवचन संपन्न

सोजत (राजस्थान) के स्थानीय विद्यालयों एवं मंडलों के कार्यकर्ताओं एवं श्रद्धालुओं के लिए हिन्दू जनजागृति समिति की श्रीमती अर्चना लड्ढा ने गणेश उत्सव निमित्त विशेष व्याख्यान लिए ।

पितृपक्ष के उपलक्ष्य में हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा ‘ऑनलाइन’ विशेष कार्यक्रम

पितृपक्ष की अवधि में भगवान दत्तात्रेय के सामूहिक जप का आयोजन किया गया ।

हलाल अर्थव्यवस्था भारत में समानांतर अर्थव्यवस्था बनी है, इस संकट को रोकने हेतु भारत को हलालमुक्त करना आवश्यक है – सद्गुरु नीलेश सिंगबाळजी, हिन्दू जनजागृति समिति, धर्म प्रचारक संत

इस व्याख्यान में हिन्दू जनजागृति समिति के धर्म प्रचारक संत सद्गुरु नीलेश सिंगबाळजी ने ‘भारत सरकार का प्रमाणीकरण सर्टिफिकेट होते हुए भी इस्लामी निजी संस्था के ‘हलाल सर्टिफिकेट’ की आवश्यकता क्यों है ?’, यह प्रश्न उपस्थित किया ।

आदर्श राजा प्रभु श्रीराम समान दैवी गुण युक्त सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत बाळाजी आठवलेजी !

ऋषि-मुनियों ने भी विविध नाडीपट्टिकाओं में लिखकर रखा है कि सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी हिन्दू राष्ट्र की स्थापना करेंगे, पर साधकों के मन में भी यह प्रश्न उठ सकता है कि ‘कैसे ?’; इस विजयादशमी पर हम यह विषय समझेंगे ।

साधना कर संतपद प्राप्त करनेवाले कतरास, झारखंड के सफल उद्योगपति एवं सनातन संस्था के ७३ वें (समष्टि) संत पू. प्रदीप खेमकाजी (आयु ६४ वर्ष) !

पू. प्रदीप खेमकाजी एक उद्योगपति हैं । उन्होंने साधना में संतपद प्राप्त किया है तथा उन्होंने अपने व्यवसाय में भी बहुत अच्छी प्रगति की है । उन्होंने ये दोनों बातें कैसे साध्य की, इस संबंध में उन्हीं के शब्दों में सुनेंगे ।

सनातन के दिव्य ग्रंथों के लिए अनुवादकों की आवश्यकता !

जो भी सनातन के दिव्य ग्रंथों का अनुवाद मराठी/हिन्दी/अंग्रेजी से गुजराती/कन्नड/मलयालम/तमिल/तेलुगु तथा मराठी से अंग्रेजी में करने के इच्छुक हैं, कृपया संपर्क करें ।

अध्यात्ममें प्रगतिके लिये साहाय्यक क्षमता

अध्यात्ममें ध्येयप्राप्तिके लिये अलग अलग मार्ग हैं । प्रगति होनेके लिये प्रत्येक मार्गमें अलग अलग क्षमता काममें आती है । उन क्षमताओंको संक्षेपमें आगे दिया है । स्वयंमें कौनसी क्षमता अधिक है, यह पहचानकर स्वयंको अनुकूल साधना करनेपर आध्यात्मिक प्रगति शीघ्र होनेकी संभावना बढेगी ।

कोटि-कोटि प्रणाम !

श्रीसत्शक्ति (श्रीमती) बिंदा सिंगबाळजी के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में उनके चरणों में कृतज्ञतापूर्वक नमस्कार !