श्राद्ध का उद्देश्य एवं श्राद्ध के विविध प्रकार
सर्व जीवों की लिंगदेह साधना नहीं करती । अतः श्राद्धादि विधि कर, उन्हें बाह्य ऊर्जा के बल पर आगे बढाना पडता है; इसलिए श्राद्ध करना महत्त्वपूर्ण है ।
सर्व जीवों की लिंगदेह साधना नहीं करती । अतः श्राद्धादि विधि कर, उन्हें बाह्य ऊर्जा के बल पर आगे बढाना पडता है; इसलिए श्राद्ध करना महत्त्वपूर्ण है ।
‘सामान्यतः बोल-चाल की भाषा में हम ऐसा कहते हैं, ‘सूर्य का सवेरे एवं चंद्रमा का रात में उदय होता है ।’ सूर्य के संदर्भ में यह योग्य है, परंतु चंद्रमा के संदर्भ में ऐसा नहीं होता । चंद्रोदय प्रतिदिन भिन्न समय होता है । इसकी जानकारी इस लेख द्वारा समझ लेते हैं ।
देवालय के गर्भगृह में विद्यमान चैतन्य गर्भगृह में एवं गर्भगृह के आसपास वर्तुलाकार घूमता रहता है । परिक्रमा करने से परिक्रमा करनेवाले को इस चैतन्य का लाभ मिलता है ।
‘आंखों में संक्रमण होने का निश्चित अर्थ क्या है? यह किस कारण से होता है ? उसके लक्षण क्या हैं ? इसके लिए क्या उपचार करें ? इन सभी प्रश्नों के उत्तर आज हम जानेंगे एवं इससे संबंधित सावधानी रखेंगे ।
हलाल सर्टिफिकेशन के माध्यम से एक समानांतर अर्थव्यवस्था निर्माण की जा रही है ।
यदि हम अपने दुर्गुणों को दूर करने के लिए गुणवृद्धि करने का प्रयास करें, तो हम आनंदमय जीवन यापन कर सकते हैं ।
एक शोध के अनुसार हम दिनभर में जो विचार करते हैं, उनमें से ८० प्रतिशत विचारों का वास्तविक जीवन से कुछ लेना-देना नहीं रहता । इन विचारों में हमारी ऊर्जा व्यर्थ होती है । हमें अनेक विचारों से ऊर्जा प्रदान करनेवाले एक विचार पर अर्थात नामजप पर आना होगा ।
तनाव का बाह्य कारण ५ प्रतिशत और आंतरिक कारण लगभग ९५ प्रतिशत होता है । तनाव के आंतरिक कारणों पर विजय प्राप्त कर तनावमुक्त जीवन व्यतीत करने के लिए साधना ही एकमात्र उपाय है ।
सनातन संस्था एवं हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा ३० अगस्त को रक्षाबंधन मनाया गया । इस निमित्त सनातन की साधिकाओं तथा समिति की कार्यकर्त्रियोेंं ने सनातन एवं समिति के शुभचिंतक, पाठक, धर्माभिमानी, हिन्दुत्वनिष्ठ, पत्रकार, डॉक्टर, पुलिस, मुख्यमंत्री एवं विधायकों को राखी बांधी ।
श्राद्ध से पूर्वजों को गति मिलने की प्रक्रिया क्या है ? श्राद्ध द्वारा हमारी पितृदोष से रक्षा कैसे होती है ? ऐसे प्रश्नोंके उत्तर जानकर लेने के लिए पढिए ग्रंथ ‘श्राद्धका महत्त्व एवं अध्यात्मशास्त्रीय विवेचन’