सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी के ओजस्वी विचार

सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी

सच्चा मेकअप !

‘बाहरी मेकअप से अन्यों को आकर्षित किया जा सकता है, जबकि भीतरी मेकअप अर्थात स्वभावदोष एवं अहं का निर्मूलन कर ईश्वर को आकर्षित किया जा सकता है ।’


कहां किसान और कहां सरकारी कर्मचारी !

‘किसानों को छुट्टी नहीं होती । वे सप्ताह के सातों दिन खेत में परिश्रम करते हैं, तब भी गरीब हैं । इसके विपरीत सरकारी कर्मचारी सप्ताह में पांच दिन ही काम करते हैं, परिश्रम नहीं; तब भी ‘गरीबी क्या है’, यह उन्हें पता नहीं ।’


भक्ति का महत्त्व !

‘पृथ्वी के काम भी बिना किसी के परिचय के नहीं होते, तो प्रारब्ध, अनिष्ट शक्ति की पीडा आदि समस्याएं क्या भगवान के परिचय के बिना भगवान दूर करेंगे ?’


संतों का महत्त्व !

‘कहां पूर्णतः अपनी देख-रेख में रहनेवाले अपने एक या दो बच्चों पर भी सुसंस्कार करने में अक्षम आजकल के अभिभावक और कहां अपने सहस्रों भक्तों पर साधना का संस्कार करनेवाले संत एवं गुरु !’

– सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवले