सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी के ओजस्वी विचार
‘समाज में कार्यालय में और अन्यत्र अहंकार, झूठ बोलना, भ्रष्टाचार इत्यादि का अनुकरण किया जाता है; जबकि सनातन के आश्रमों में अच्छे गुणों का अनुकरण किया जाता है !’
‘समाज में कार्यालय में और अन्यत्र अहंकार, झूठ बोलना, भ्रष्टाचार इत्यादि का अनुकरण किया जाता है; जबकि सनातन के आश्रमों में अच्छे गुणों का अनुकरण किया जाता है !’
आज घमंडिया गठबंधन के लोग खुलकर बात करने लगे हैं । कल ये लोग अधिक आक्रामक होकर हम पर प्रहार करने वाले हैं ।’ देश के कोने-कोने में रहने वाले प्रत्येक सनातनी एवं इस देश से प्रेम करने वालों को सतर्क रहने की आवश्यकता है ।
हिन्दुओं पर आक्रमण कर दंगे करनेवाले कट्टरपंथियों के पीछे सदैव कांग्रेस का हाथ रहता है, विभाजन के समय से ही यह इतिहास रहा है । मामन खान की बंदी से यह पुनः दिखाई दे रहा है ।
श्रीलंका अथवा पाकिस्तान की समुद्री सीमा में कथित घुसपैठ कर मछली पकडने से इन देशों की नौसेनाएं भारतीय मछुआरों को हमेशा ही बंदी बनाती हैं । इस पर अभी तक उपाययोजना न, निकालना यह पिछले ७५ वर्षों से सभी सरकारों के लिए लज्जास्पद !
योगी आदित्यानाथ ने आगे कहा कि लोग अपनी मूर्खता सिद्ध करते हुए सूर्य पर थूकने का प्रयास करते रहते हैं |
‘प्रत्येक चिन्ह से सूक्ष्म सकारात्मक अथवा नकारात्मक स्पंदन प्रक्षेपित होते रहते हैं । अधिकतर धार्मिक नेता उनके धार्मिक चिन्हों से प्रक्षेपित होनेवाले स्पंदनों की ओर ध्यान नहीं देते तथा उसका प्रतिकूल परिणाम उनके अनुयायियों एवं भक्तों पर हो सकता है ।
आज हम गुज्जर, वाल्मिकी, राजपूत आदि जातियों के रूप में स्वयं का परिचय देते हैं; परंतु जब नूंह एवं मेवात में दंगा हुआ, उस समय आप किस जाति से हैं, यह धर्मांधों ने नहीं देखा ।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की व्यवस्थाओं का अंतरराष्ट्रीयीकरण करते हुए विदेशियों को भारत की विशेषताओं के दर्शन कराए तथा उनके भारतीयीकरण का, साथ ही भारत की क्षमता को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने का प्रशंसनीय प्रयास किया है ।
चीनी अर्थव्यवस्था में आई मंदी का परिणाम निश्चित रूप से वैश्विक अर्थव्यवस्था पर पड रहा है; परंतु यह स्थिति भारतीय उद्योगों के लिए नए-नए अवसरों के द्वार खोल रही है ।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन के कुलदीपक ने सनातन धर्म को विभिन्न प्रकार की संक्रामक बीमारियों की उपमाएं देकर अनादर किया । उनके द्वारा सनातन धर्म के विषय में किया गया वक्तव्य उनकी बुद्धि अस्त होने का दर्शक है । मैं ऐसा क्यों कह रहा हूं ?, यह मैं इस लेख में कारणों सहित स्पष्ट कर रहा हूं ।