‘वेद एजुकेशन’ संस्था द्वारा सनातन शास्त्रों पर आधारित ऑनलाईन पुस्तकालय निर्माण करने का प्रयास !

विश्व का सबसे बडा पुस्तकालय निर्माण करने का प्रयास !

श्री.  प्रतीक प्रजापती

मुंबई (महाराष्ट्र) — गुजरात की ‘वेद एजुकेशन’ नाम की संस्था ‘सनातन शास्त्रों’ का विश्व में सबसे बडा ऑनलाईन पुस्तकालय निर्माण करने का प्रयास कर रही है । संस्था के प्रमुख श्री. प्रतीक प्रजापती ने सनातन प्रभात के प्रतिनिधि से हुई बातचीत में बताया कि आज इंटरनेट पर हजारों प्रकार के शास्त्र उपलब्ध हैं । पुस्तकों की दुकान में जाओ तो वहां भी भगवद़्गीता, रामायण, महाभारत आदि पर आधारित सैंकडों प्रकार की पुस्तकें उपलब्ध हैं । प्रत्येक व्यक्ति स्वयं की आवृत्ती निकालता है; परंतु उनमें उचित पुस्तक कौन सी है ?, यह हम नहीं समझ सकते । इस संदर्भ में हम ‘वेद एजुकेशन लाइब्रेरी एप’ बना रहे हैं ।

धर्मप्रसार के लिए यूरोप की यात्रा पर गए प्रजापती ने आगे कहा कि मैं पिछले ८ महिनों से इस एप के लिए प्रयासरत हूं । हम जो एप निर्माण कर रहे हैं वह विश्व की सबसे विस्तृत तथा सुसंगठित ऑनलाईन सनातन लाइब्रेरी (पुस्तकालय) होगी । इस एप में सनातन धर्म के ४ वेद, गीता, रामायण, पुराण, उप पुराण, उपनिषद, स्मृति, नीति, संहिता, सूत्र, आगम, निगम, आयुर्वेद, ज्योतिष, वास्तु, योग आदि का समावेश होगा ।

प्रजापती ने आवाहन किया है, ‘इस एप की निर्मिति के लिए मुझे धन की आवश्यकता होगी, इसके लिए हिन्दू दान दे सकते हैं । साथ ही मेरे कार्य की जानकारी प्राप्त करने के लिए veducation.world/links इस संकेतस्थल को देखें अथवा ८६९०९ ३३७६९ क्रमांक पर संपर्क करें ।’

श्री प्रतीक प्रजापती का संक्षिप्त परिचय !

श्री. प्रतीक प्रजापती पिछले ८ वर्षाें से सनातन शास्त्रों का अभ्यास तथा उसपर शोध कर रहे हैं । वह युवकों को सनातन धर्म का ज्ञान देकर अध्यात्म की सहायात से जीवन में किस प्रकार परिवर्तन कर सकते हैं ?, इस संदर्भ में मार्गदर्शन करते हैं । उनकी ‘सनातन संस्कृति का मूलज्ञान’ तथा ‘वैदिक दिनचर्या’ नाम की दो प्रसिद्ध पुस्तकें हैं । अमेजॉन पर वह युवकों में अत्यंत लोकप्रिय हुई है । ‘ब्रह्मचर्य’ नाम की उनकी आगामी पुस्तक अगले महीने प्रकाशित होगी । इसमें युवक हस्तमैथुन, अश्लील वीडिओ देखना, नशीले पदार्थाें का सेवन, जुआ जैसी बुरी आदतों को कैसे दूर करें?, तथा निराश जैसी समस्याओं पर उपाय बताए जाएंगे ।