हिन्दू राष्ट्र के संदर्भ में संसद का कुछ होने वाला है !

बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्रकृष्ण शास्त्री की भविष्यवाणी !

सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी के ओजस्वी विचार

‘अनंत कोटि ब्रह्मांडनायक का अन्य धर्मों की भांति केवल एक पुस्तक में वर्णन किया जा सकता है क्या ? इसीलिए हिन्दू धर्म में सहस्रों ग्रंथ हैं । उनसे पूर्ण जानकारी मिलती है ।’

नक्सलवादियों को राजनीतिक दलों का संरक्षण ! – शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती, गोवर्धन पुरी पीठ

यह स्थिति लोकतंत्र को गंभीर रूप से पराजित करनेवाली है, सामान्य लोगों को ऐसा ही लगेगा !

भारत को हिन्दू राष्ट्र घोषित करना चाहिए !

प्रसिद्ध (विख्यात) भजन गायक अनूप जलोटा की मांग

मंदिरों पर आक्रमण करनेवालों पर कार्यवाही करने के लिए ऑस्ट्रेलिया सरकार से कहिए !

भारत के विदेशमंत्री डॉ. एस्. जयशंकर आजकल ऑस्ट्रेलिया की यात्रा पर हैं । उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी एल्बनीज से भेंट की, साथ ही ऑस्ट्रेलिया के विदेशमंत्री पेनी वाँग से भी भेंट कर उनके साथ बातचीत की ।

‘ॐ’ और ‘अल्ला’ एक ही हैं, तो काबा मस्जिद पर ॐ लिखें !

शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती की मौलाना अर्शद मदनी को चुनौती !

‘बीबीसी’ ने महिला आतंकवाद के प्रति में सहानुभूति दर्शानेवाली डॉक्युमेंटरी का प्रसारण किया !

भारत के नागरिकों से भी अपेक्षा की जाती है कि वे ब्रिटेन के नागरिकों की तरह निरंतर भारत तथा हिन्दुओं का अपमान करनेवाले बीबीसी का बहिष्कार करें !

‘चैट जीपीटी’ : एक तूफान !

आधुनिक विज्ञान की शक्ति कहां तक कार्य कर सकती है ? इसका सर्वाेत्तम उदाहरण है ‘एआई’ ! अब तो इसमें भी एक क्रांतिकारी तूफान आया है । इस ‘एआई’ का ही सबसे अद्यतन स्वरूप है ‘चैट जीपीटी’ ।

क्या भारत पाकिस्तान को ‘पानी’ पिलाएगा ?

भारत एवं पाकिस्तान के मध्य सितंबर १९६० में ‘सिंधु जल समझौता’ हुआ । इस समझौते के अनुसार भारत एवं पाकिस्तान के मध्य सिंधु नदी एवं उसकी उपनदियों के जल की आपूर्ति का बंटवारा नियंत्रित किया जाता है । विगत ६२ वर्षाें के इतिहास में पहली बार ही भारत ने पाकिस्तान को सिंधु जल समझौते में सुधार करने के लिए नोटिस भेजा है ।

न्यायपालिका एवं विधिपालिका के बीच की अहंकार की लडाईयां ?

२९ जनवरी २०२३ को प्रकाशित लेख में हमने ‘अधिकारों का वितरण तथा संसद के द्वारा न्यायालय के अधिकारों पर लगाई गई मर्यादाएं, संविधान में कितने परिवर्तन संभव हैं ?