पुरी पीठ के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती का स्पष्टीकरण !
गंगासागर (बंगाल) – ‘‘हम ४ शंकराचार्यों के मध्य श्रीराममंदिर के विषय पर मतभेद होने का गलत भ्रम फैलाया गया है । हममें कोई मतभेद नहीं है । हमारा इतना ही कहना था कि प्रभु श्रीराम की प्रतिष्ठा शास्त्र के अनुसार हो । भगवान की प्रतिमा अथवा मूर्ति में विधिवत भगवान के तेज का प्रवेश होता है । यदि विधिविधान से पूजा एवं प्राणप्रतिष्ठा न हुई, तो डाकीन, शाकिनी, भूत-प्रेत-पिशाच्च चारों दिशाओं में फैलते हैं एवं सबकुछ छिन्न-विछिन्न करते हैं । इस कारण शास्त्रसम्मत पूजा होनी चाहिए, ऐसी हमारी इच्छा है । हम चारों का यही कहना है । उसमें कोई भी मतभेद नही है ।’’ ‘श्रीराममंदिर को चारों शंकराचार्य का विरोध है’, पुरी पीठ के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने ‘‘श्रीराम मंदिर को चारों शंकराचार्य का विरोध है’’समाज में फैले इस समाचार पर स्पष्टीकरण देते हुए कहा । वे ए.एन.आइ. समाचार संस्था के प्रतिनिधि से बोल रहे थे ।
(सौजन्य : The Economic Times)
Jagadguru Shankaracharya Swami Nishchalanand Saraswati of the Puri Peeth, clarifies!
Amongst us four Shankaracharyas, there is no difference of opinion on the matter of the Shri Ram temple.
अयोध्या I राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा I
शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती… pic.twitter.com/4W6jUSWOk7— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) January 14, 2024
मैं किसी को भी अयोध्या जाने से रोकता नहीं हूं !
मकरसंक्राति के अवसर पर बंगाल में गंगासागर मेला लगा है । इस मेले में पवित्र स्नान करने हेतु शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती आए हैं । उस समय उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि २२ जनवरी को मैं अयोध्या नहीं जाऊंगा । इसका अर्थ ये नहीं कि मैं अयोध्या पर अप्रसन्न हूं । मैं किसी को भी अयोध्या जाने से रोकता नहीं हूं ।