पैगंबर मुहम्मद एवं ईसा के पूर्वज सनातनी हिन्दू !

शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती के स्पष्ट वचन !

शंकराचार्य जगद्गुरु स्वामी निश्चलानंद सरस्वती

भुवनेश्वर (ओडिशा) – ओडिशा के पुरी नगर में पूर्वाम्नाय गोवर्धन पीठ के शंकराचार्य जगद्गुरु स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने यहां एक कार्यक्रम में कहा कि पैगंबर मुहम्मद एवं ईसा मसीह के पूर्वज सनातनी हिन्दू थे। अमेरिका में विपक्षी दल के सदस्यों ने अपनी संसद में यह सूत्र उठाया था, कि ‘पैगंबर मुहम्मद एवं ईसा मसीह के पूर्वज रूढ़िवादी हिन्दू थे’। शंकराचार्य ने यही उदाहरण देकर इसे स्पष्ट किया है ।

मंदिरों एवं मठों पर सरकार का नियंत्रण न हो !

शंकराचार्य ने आगे कहा कि हिन्दू मंदिरों एवं मठों पर सरकार का नियंत्रण नहीं होना चाहिए । विकास कार्यों के लिए मंदिर का पैसा खर्च करने की आवश्यकता नहीं है ।

जगन्नाथ पुरी के मंदिर के रत्न भंडारों की खोई हुई चाबियों के संबंध में मैं क्यों हस्तक्षेप करूं ?

जगन्नाथ पुरी के मंदिर में ७ रत्न भंडार हैं । इनमें से ४ भंडारों की चाबियां ३८ वर्षों पूर्व अचानक खो गई थीं । इस संबंध में पूछे जाने पर शंकराचार्य ने कहा कि ओडिशा सरकार एवं जगन्नाथ मंदिर प्रशासन ने इस संबंध में कोई चर्चा नहीं की है ।अत: मै रत्नभंडारों  के प्रकरण में क्यों हस्तक्षेप करूं ?

पृथ्वी और पर्यावरण को स्वच्छ रखना आपका दायित्व है !

जोशीमठ में भूस्खलन के विषय में प्रश्न किए जाने पर शंकराचार्य ने कहा कि धरती एवं पर्यावरण को स्वच्छ रखना हम सबका दायित्व । सभी को ‘विकास’ शब्द एवं उसके समग्र भाव को समझना चाहिए । पृथ्वी, जल एवं वायु ऊर्जा के स्रोत हैं । प्रत्येक स्थान पर विकास करने की आवश्यकता नहीं है ।

साढे तीन वर्ष में भारत को हिन्दू राष्ट्र घोषित कर दिया जाएगा !

प्रयागराज के माघ मेले में शंकराचार्य के मंडप में आयोजित हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन में शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद ने कहा कि भारत को हिन्दू राष्ट्र घोषित करने की चर्चा अमेरिकी संसद में भी चल रही है । भारत को हिन्दू राष्ट्र घोषित होने से रोकने के कुछ शक्तियां कार्यरत हैं । मुझे ज्ञात है कि वे कौन हैं । मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि उनके प्रयास कभी सफल नहीं होंगे। भारत को हिन्दू राष्ट्र घोषित करने के लिए साढ़े तीन वर्ष की अवधि निर्धारित की गई है । इस कालाअवधि में भारत को हिन्दू राष्ट्र घोषित किया जाएगा ।

संपादकीय भूमिका

ईसाई धर्म की स्थापना २ सहस्त्र वर्षों पूर्व हुई थी, जबकि इस्लाम की स्थापना १ सहस्त्र ४०० वर्ष पूर्व हुई थी। क्योंकि सनातन धर्म पृथ्वी की उत्पत्ति से अर्थात लाखों वर्षों से अस्तित्व में है, इसी के आधार पर पू. शंकराचार्य ने ऐसा कहा होगा !