हिन्दू पुन: मक्का के मक्केश्वर महादेव मंदिर पर नियंत्रण प्राप्त करेंगे !

  • पुरी पीठ के जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती का प्रतिपादन !

  • भारता को हिन्दू राष्ट्र घोषित करने पर और १५ देश स्वयं को हिन्दू राष्ट्र घोषित करेंगे ! – शंकराचार्य

शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती

प्रयागराज (उत्तर प्रदेश) – सऊदी अरेबिया में मक्का के मक्केश्वर महादेव मंदिर को तोड कर मुसलमान आक्रमणकर्ताओं ने उसे ‘मक्का’ बनाया । एक दिन पुन: हिन्दू उसे नियंत्रण में लेंगे; क्याेंकि मक्केश्वर महादेव हिन्दुओं की श्रद्धा का केंद्र है । पुरी के पूर्वाम्नाय गोवर्धन पीठ के जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने यहां ऐसा प्रतिपादित किया । वे पत्रकारों से वार्तालाप कर रहे थे । ‘वर्तमान में ‘हिन्दू राष्ट्र’ स्थापित करने के लिए कार्य चल रहा है । शीघ्र ही भारत को ‘हिन्दू राष्ट्र’ घोषित किया जाएगा’, इस अवसर पर उन्होंने ऐसा भी कहा ।

जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती द्वारा प्रस्तुत किए गए सूत्र

१. भारत में अनेक मठ तथा मंदिरों को तोड कर वहां मस्जिदों का निर्माणकार्य किया गया । यह घृणाजनक कार्य सनातन धर्मियों के धर्मांतर हेतु किया गया । अब सनातन धर्मी परतंत्रता की भावना से मुक्त हो रहे हैं । उन्होंने जो गंवाया, उनमें उसे पुन: लेने की तडप उत्पन्न हो रही है ।

२. परिवार नियोजन को मुसलमान तथा ख्रिस्त नहीं मानते । इसे केवल हिन्दू मानते हैं इसलिए उनकी संख्या घट रही है । हिन्दू पूर्व में ब्रह्मचर्य का पालन करते थे । इसलिए जनसंख्या पर नियंत्रण रहता था । अब प्राचीन परंपरा नष्ट हो रही है ।

भारत को ‘हिन्दू राष्ट्र’ घोषित करना चाहिए !

विश्व के ५३ देशों में हिन्दू रहते हैं । कुछ माह पूर्व हिन्दुओं का एक सम्मेलन हुआ था । उसमें विदेशों के अनेक हिन्दुओं ने सहभाग लिया था । उनका कहना था, ‘भारत की राजनीतिक दिशाहीनता के कारण हमारे हाथ-पांव बांध दिए गए हैं’ जिस दिन भारत स्वयं को ‘हिन्दू राष्ट्र’ घोषित करेगा, उसके कुछ समय पश्चात ही १४-१५ देश भी स्वयं को ‘हिन्दू राष्ट्र’ घोषित करेंगे । कुछ लोगों के मन में ऐसा प्रश्न उपस्थित होगा कि यह कैसे हो सकता है ? सभी को यह मानना चाहिए कि आदिकाल से हम सभी के पूर्वज सनातनी वैदिक हिन्दू थे । इस कारण ही ‘हिन्दू राष्ट्र’ घोषित करना चाहिए । मुसलमान इसका विरोध नहीं करेंगे; क्याेंकि उन्हें ज्ञात था कि उनके पूर्वज सनातनी हिन्दू थे ।

मदरसों का सर्वेक्षण उचित ही है !

यदि मदरसों पर आतंकवाद को प्रोत्साहन देने का आरोप लगाया जाता है, तो उनकी जांच करनी चाहिए । इसमें कोई चूक नहीं है । सत्य सामने आना चाहिए । उसी प्रकार मदरसों के अतिरिक्त मठ अथवा मंदिरों पर ऐसे आरोप लगाए गए, तो उनकी भी जांच होनी चाहिए । इसलिए मदरसों का सर्वेक्षण करने का निर्णय चूक नहीं है; क्योंकि कि इससे पूर्व मदरसों से आश्चर्यजनक प्रकरण सामने आए हैं । मदरसों में क्या होता है, सभी को यह ज्ञात है । यदि किसी संस्था का उपयोग किसी पर दबाव डालने हेतु होता है, एवं वहां आतंकवादी प्रशिक्षण दिया जाता है, तो उसे आतंकवाद का केंद्र कहना अनुचित नहीं है ।

शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के उत्तराधिकारी ‘अघोषित’ ही रहेंगे !

शारदा तथा ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के देहत्याग के पश्चात उनके उत्तराधिकारी घोषित किए गए हैं । इस पर शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती ने कहा, शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने उनके जीवनकाल में कभी किसी को उत्तराधिकारी घोषित नहीं किया था । जिसे अब घोषित किया है, वे अघोषित ही हैं । ‘शंकराचार्य ने उत्तराधिकारी के नाम की घोषणा क्यों नहीं की थी ?’, इस पर विचार करने की आवश्यकता है; परंतु गद्दी की परंपरा है, उसका पालन करना चाहिए ।