जगप्रसिद्ध श्री जगन्नाथ रथयात्रा २७ जून से प्रारंभ , ९ दिन चलने वाला भव्य उत्सव
ओडिशा के पुरी नगर में आयोजित होने वाली विश्वप्रसिद्ध श्री जगन्नाथ रथयात्रा २७ जून से आरंभ होगी । यह उत्सव ९ दिनों तक चलेगा और ५ जुलाई को इसका समापन होगा ।
ओडिशा के पुरी नगर में आयोजित होने वाली विश्वप्रसिद्ध श्री जगन्नाथ रथयात्रा २७ जून से आरंभ होगी । यह उत्सव ९ दिनों तक चलेगा और ५ जुलाई को इसका समापन होगा ।
यहां मुस्लिम गो-तस्करों के आक्रमण से हिन्दू गौ-रक्षक संतोष पारीदा की ११ जून को मृत्यु हो गई । कुछ दिन पूर्व गो-तस्करों के एक समूह ने उन पर आक्रमण किया था, जिसमें वे गंभीर रूप से घायल हो गए थे ।
प्रसिद्ध जगन्नाथ मंदिर के मुख्य पुजारी जगन्नाथ दीक्षित की हत्या कर दी गई है । विशेष बात यह है कि इस स्थान पर पुलिस की कड़ी निगरानी होने के बाद भी दिन के समय मुख्य पुजारी की हत्या होने से आश्चर्य व्यक्त किया जा रहा है ।
वरिष्ठ भारतीय सेना अधिकारियों की उपस्थिति में तीन परीक्षण किये गए। इस बार चार रॉकेट दागे गए और सभी निशाने पर लगे । ‘भार्गवास्त्र’ को ‘सोलर डिफेंस एंड एयरोस्पेस लिमिटेड’ द्वारा विकसित किया गया है ।
यह दृश्य देखकर कुछ भक्तों का मानना है कि देश में कोई शुभ घटना होनेवाली है, जबकि कुछ लोगों ने इसके विपरीत, किसी अशुभ घटना की आशंका व्यक्त की है । वर्ष २०२० में बिजली गिरने के कारण मंदिर के ध्वज में आग लग गई थी, जिसके उपरांत देश को कोरोना महामारी का सामना करना पडा था ।
ऑस्ट्रेलियाई मिशनरी पादरी ग्राहम स्टेन्स और उनके दो नाबालिग लडकियो की वर्ष १९९९ में हुई हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे महेन्द्र हेम्ब्रम को १६ अप्रैल के दिन ओडिशा के क्योंझार कारागृह से रिहा कर दिया गया ।
यह दृश्य देखकर कुछ भक्तों का मानना है कि देश में कोई शुभ घटना घटने वाली है, जबकि कुछ लोगों ने इसके विपरीत, किसी अशुभ घटना की आशंका व्यक्त की है।
मुसलमान हिन्दुओं पर बुरी नजर (कुदृष्टि) डालने का साहस भी नहीं करेंगे, उन पर अत्याचार करना तो दूर की बात है । हिन्दुओं को ऐसी प्रतिष्ठा कब मिलेगी ?
भारतीय सीमा में घुसपैठ करनेवाले शत्रुराष्ट्र के घुसपैठियों को ऐसा पाठ पढाएं की वे दोबारा कभी भारत की सीमा में घुसपैठ करने का दुःसाहस न करें !
मक्का में मक्केश्वर महादेव हैं। ‘गीता प्रेस’ के शिवपुराण अंक में इस विषय पर विस्तार से लिखा गया है; लेकिन मक्का और मदीना अब मुसलमानों के तीर्थस्थल बन चुके हैं। वहां हिंदुओं के जाने पर प्रतिबंध है। इसी के चलते अब मुसलमानों के महाकुंभ में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने की मांग हो रही है।