हिन्दुओं के सभी मंदिर वापस प्राप्त करना, यह हमारी प्रतिज्ञा है ! – अधिवक्ता (पू.) हरि शंकर जैन, सर्वोच्च न्यायालय तथा संरक्षक, हिन्दू फ्रंट फॉर जस्टिस

महाराणा प्रताप, सिक्ख धर्मगुरु ने हिन्दू धर्म की रक्षा के लिए बलिदान दिए; परंतु पराजय स्वीकार नहीं किया । हमें उनसे अधिक संघर्ष कर हिन्दू राष्ट्र की स्थापना करनी होगी । तभी उन धर्मयोद्धाओं को शांति मिलेगी ।

हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा पूरे देश में ८३ स्थानों पर मनाए गए ‘गुरुपूर्णिमा महोत्सव’ में हिन्दू राष्ट्र का उद्घोष !

हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से पूरे देश में ८३ स्थानों पर उत्साहपूर्ण वातावरण में ‘गुरुपूर्णिमा महोत्सव’ मनाया गया । महोत्सव के आरंभ में श्री व्यासपूजा एवं प.पू. भक्तराज महाराजजी की प्रतिमा का पूजन किया गया ।

साधु-संतों को सदैव राजनीति से दूर रहना चाहिए ! – पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री

‘साधु-संतों को राजनीति की ओर देखना तक नहीं चाहिए । राजनीति में आने से सीमाएं आ जाती हैं । साधुओं को उनकी यात्रा असीम रखने की आवश्यकता है’ । ‘क्या आप राजनीति करेंगे ?’, यह प्रश्‍न पूछने पर उन्होंने ऐसा कहा ।

वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव’ का अर्थ क्या है ?

भारत में हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के पश्चात, उसके द्वारा विश्वकल्याण का कार्य होगा, यह आज तक का इतिहास है । इसलिए ‘सनातन भारत’ कहें, अथवा ‘हिन्दू राष्ट्र’ कहें अथवा ‘वैश्विक हिन्दू राष्ट्र’ कहें, इन सभी का अर्थ एक ही है ।

सभी हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों की एकत्रित ‘हिन्दू हेल्पलाइन’ होना आवश्यक ! – डॉ. विवेक शील अगरवाल, देहली

हिन्दुओं के लिए भले ही स्वर्णिम काल लगता हो, तब भी हमारे शत्रु की तैयारी हमसे अनेक गुना अधिक है, इसे हमें ध्यान में लेना होगा । आज सभी बाजुओं से हिन्दुओं पर आघात हो रहे हैं ।

हिन्दू राष्ट्र-स्थापना हेतु स्वातंत्र्यवीर सावरकरजी के विचारों से कार्य करना चाहिए ! – रणजीत सावरकर, स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक

आज का संघर्ष तलवार के जोर पर नहीं है, अपितु आर्थिक संघर्ष चल रहा है । ‘हलाल जिहाद’ मुसलमानों का आर्थिक संघर्ष है । हिन्दुत्व केवल उपासना-पद्धति नहीं, अपितु हिन्दुत्व राष्ट्रीयत्व है ।

ज्योतिषशास्त्र की दृष्टि से हिन्दू राष्ट्र के लिए ग्रहों की स्थिति अनुकूल ! – आचार्य डॉ. अशोक कुमार मिश्र, सभापति, विश्व ज्योतिष महासंघ, बिहार

आचार्य मिश्र में शिष्यत्व अर्थात निरंतर सिखने की वृत्ति है । वे सिखने के माध्यम से आनंद का अनुभव करते हैं तथा उससे उनकी साधना भी होती है ।

हिन्दू राष्ट्र की बौद्धिक स्तर की लडाई जीतने के लिए हिन्दुओं के विरोध के ‘नैरेटिव’ (कथानकों) को समझ लेना आवश्यक ! – रमेश शिंदे, राष्ट्रीय प्रवक्ता, हिन्दू जनजागृती समिती

वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव में ‘संविधान एवं हिन्दू राष्ट्र’ विषय पर आयोजित उद्बोधन सत्र में ‘हिन्दू राष्ट्र विरोधियों की काल्पनिक कथानकों का प्रचार’ विषय पर संबोधित करते हुए वे ऐसा बोल रहे थे ।

काशी विश्वेश्वर की मुक्ति होगी, तब देश अखंड हिन्दू राष्ट्र होगा ! – अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन, सर्वोच्च न्यायालय एवं प्रवक्ता, हिन्दू फ्रंट फॉर जस्टिस

हम काशी विश्वेश्वर की मुक्ति का बडा ध्येय लेकर मार्गक्रमण कर रहे हैं । इसके लिए सभी हिन्दुओं को संगठित होकर इस संपूर्ण परिसर के सर्वेक्षण की मांग पर दृढता से डटे रहना है ।

सं‍विधान के द्वारा भारत को ‘हिन्दू राष्ट्र’ घोषित करना आवश्यक ! – चेतन राजहंस, राष्ट्रीय प्रवक्ता, सनातन संस्था

‍विगत ७५ वर्षों में हिन्दुओं को धर्मशिक्षा से वंचित रखा गया । केवल संत, महात्माओं की कृपा से भारत में आज भी धर्म टिका हुआ है । ‘सेक्युलरिजम’ शब्द के कारण हिन्दुओं को धर्मशिक्षा प्रदान करने का मार्ग बंद किया गया है । धर्मनिरपेक्ष व्यवस्था अर्थात अधर्मी व्यवस्था है ।