राष्ट्र तथा धर्म की रक्षा का कार्य करनेवाले महान संत तथा सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी की जन्मकुंडलियों में पाए गए समान ग्रहयोग एवं उनका विश्लेषण !

समर्थ रामदासस्वामीजी, स्वामी विवेकानंदजी, महर्षि अरविंदजी तथा सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी इन ४ संतों की जन्मकुंडलियों के ग्रहयोगों का विश्लेषण निम्नलिखित लेख में किया गया है, साथ ही इस अध्ययन से ज्ञात हुए सूत्र अंत में दिए गए हैं ।’

श्रीचित्‌शक्ति (श्रीमती) अंजली मुकुल गाडगीळजी की आध्यात्मिक विशेषताओं का ज्योतिषशास्त्रीय विश्लेषण !

श्रीचित्‌शक्ति (श्रीमती) अंजली गाडगीळजी ने गुरुकृपायोग के अनुसार साधना कर तीव्र गति से अपनी आध्यात्मिक उन्नति साध्य की । इस लेख में उनकी जन्मकुंडली में विद्यमान आध्यात्मिक विशेषताओं का ज्योतिषशास्त्रीय विश्लेषण किया गया है ।

हस्तरेखा विशेषज्ञ सुनीता शुक्ला द्वारा हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी की हस्तरेखाओं का किया गया विश्लेषण !

ऋषिकेश (उत्तराखंड) की हस्तरेखा विशेषज्ञ सुनीता शुक्ला के द्वारा हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी की हस्तरेखाओं का किया गया विश्लेषण यहां दे रहे हैं

अध्यात्मशास्त्र के दृष्टिकोण से हस्तरेखा शास्त्र !

‘हस्तरेखा शास्त्र हाथ की रेखाओं के आधार पर व्यक्ति के जीवन का मार्गदर्शन करनेवाला प्राचीन शास्त्र है । हस्तरेखा शास्त्र की सहायता से व्यक्ति का स्वभाव, स्वास्थ्य, बुद्धि, विद्या, कार्यक्षेत्र, प्रारब्ध आदि अनेक बातों का बोध होता है । प्रस्तुत लेख में हस्तरेखा शास्त्र में अध्यात्म से संबंधित सूत्रों का कैसे विचार किया जाता है, इसकी व्याख्या दी गई है ।

अध्यात्मशास्त्र के दृष्टिकोण से हस्तरेखा शास्त्र !

हस्तरेखा शास्त्र के द्वारा व्यक्ति का स्वभाव, स्वास्थ्य, बुद्धि, विद्या, कार्यक्षेत्र, प्रारब्ध आदि अनेक बातों का बोध होता है । प्रस्तुत लेख में हस्तरेखा शास्त्र में अध्यात्म से संबंधित बातों का विचार कैसे किया जाता है, इसका विवेचन किया गया है ।

आगामी हिन्दू वर्ष में हिन्दुओं का राजनैतिक, कूटनीतिक तथा तकनीकी सशक्तिकरण होगा ! – आचार्य डॉ. अशोक कुमार मिश्र

प्राच्य और ज्योतिषशास्त्रीय ग्रंथों में वर्णित है कि ब्रह्माजी के द्वारा सृष्टि की रचना चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को प्रारंभ किया गया और तभी से समय-गणना का विधान भी प्रारंभ हुआ ।

अयोध्या में श्री रामलला की प्राणप्रतिष्ठा के कारण भारत राममराज्य की ओर गति से अग्रसर होगा !

अयोध्या में श्री रामलला (बालक-रूप की श्रीराम की मूर्ति) की प्राणप्रतिष्ठा का समारोह भारत के, साथ ही संपूर्ण विश्व के हिन्दुओं के लिए यह अत्यंत आनंद का क्षण होगा । २२.१.२०२४ को दोपहर १२.३० बजे आकाश में स्थित ग्रहीय स्थिति का ज्योतिषशास्त्रीय विश्लेषण आगे दिया गया है

अगले ढाई वर्ष तक श्री रामलला की प्राणप्रतिष्ठा हेतु शुभ मुहूर्त नहीं है !

अयोध्या में होनेवाली श्री रामलला की प्राणप्रतिष्ठा की तिथि पर विभिन्न लोग आपत्ति जता रहे हैं । इस संदर्भ में वाराणसी के गणेश्वर शास्त्री द्रविडजी ने इसका गणित बताकर प्राणप्रतिष्ठा हेतु २२ जनवरी २०२४ का दिन ही कैसे उचित है, यह बताया है ।

श्रीचित्शक्ति (श्रीमती) अंजली मुकुल गाडगीळजी की आध्यात्मिक विशेषताओं का ज्योतिषशास्त्रीय विश्लेषण !

श्रीचित्शक्ति (श्रीमती) अंजली गाडगीळजी ने गुरुकृपायोग के अनुसार साधना कर तीव्र गति से आध्यात्मिक उन्नति साध्य की । इस लेख में उनकी जन्मकुंडली में समाहित आध्यात्मिक विशेषताओं का ज्योतिषशास्त्रीय विश्लेषण किया गया है ।

व्यक्तिगत एवं सामाजिक स्तर पर ज्योतिषशास्त्र की उपयुक्तता

कालवर्णन के अंतर्गत काल का स्वरूप जानने के लिए आवश्यक घटकों की जानकारी होती है । कालवर्णन के दृष्टिकोण से ज्योतिषशास्त्र की व्यक्तिगत एवं सामाजिक स्तर पर उपयुक्तता इस लेख द्वारा समझ लेंगे ।