भारत के शासनकर्ताओं ने वेदादि शास्त्रमान्य दर्शनविज्ञान को पृथ्वी पर लागू करने का व्रत लिया, तो उससे कोरोना महामारी समाप्त होगी ! – पुरी पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती
देश में बीमारी नहीं है, अपितु यह उन्माद की पराकाष्ठा है । अतः भारत के शासनकर्ता यह घोषणा करें, ‘प्रकृति ने हमें पाठ पढाकर जो संकेत दिया है, वह हमारी समझ में आ गया है ।’