लक्ष्मणपुरी (उत्तर प्रदेश) के विद्यालय में अंग्रेजी वर्णमाला द्वारा भारतीय संस्कृति सिखाने का प्रयास

किसी एक  विद्यालय द्वारा ऐसा प्रयास करने के स्थान पर केंद्र और राज्य सरकारों को ही इस प्रकार की पुस्तकें बनाना आवश्यक है ! पिछले ७५ वर्षों में ऐसे प्रयास न होना, यह अभी तक की सभी पार्टियों के शासनकर्ताओं के लिए लज्जास्पद ही है !

आदर्श चरित्र का निर्माण करनेवाली शिक्षा आवश्यक ! – पू. डॉ. शिबनारायण सेन, उपसचिव, शास्त्र धर्म प्रचार सभा, बंगाल

आज भी भारत में किसी भी विद्यालय में धार्मिक शिक्षा नहीं दी जाती । भारत को हिन्दू राष्ट्र घोषित किए बिना हिन्दुओं को धर्म की शिक्षा नहीं दी जा सकती । इसलिए ‘सभी संस्थाओं को एकत्रित होकर आदर्श चरित्र का निर्माण हो सके’, इस प्रकार की धार्मिक शिक्षा देनी आवश्यक है ।

पाठ्यपुस्तक में भारत के तेजस्वी इतिहास का समावेश करने का ठराव हिन्दू राष्ट्र संसद में एकमत से संमत !

मुगलों ने हिन्दुओं पर जो अत्याचार किए, उसका इतिहास विद्यालयीन पाठ्यक्रम में सिखाया जाना चाहिए । छत्रपति शिवाजी महाराज ने किस प्रकार से अफजल खान का वध किया और शाहिस्ते खान की उंगलियां काट दीं, यह हिन्दुओं के पराक्रम का इतिहास युवा पीढी को सिखाया जाना चाहिए ।

भारतीय संस्कृति का महत्त्व विद्यार्थियों पर अंकित करने हेतु महर्षि अध्यात्म विश्वविद्यालय द्वारा प्रयागराज में पाठ्यक्रम का आरंभ !

महान हिन्दू संस्कृति के विषय में तथा ‘नामजप करने से मन की एकाग्रता बढकर पढाई मैं कैसे लाभ होता है’, इसकी जानकारी दी गई । सभी शिक्षक एवं विद्यार्थियों ने इसकी बहुत सराहना की तथा इस प्रकार के वर्ग प्रतिदिन लिए जाने की इच्छा भी व्यक्त की ।

१२ वीं के परिक्षा में उज्जैन की कु. प्रचिती कुलकर्णी को ८८ प्रतिशत गुण प्राप्त !

यहां की कु. प्रचिती हिमांशु कुलकर्णी ने कक्षा १२ वीं की परीक्षा (वाणिज्य शाखा) में ८८ प्रतिशत गुण प्राप्त किए । कु. प्रचिती अध्ययन के सनातन संस्था के मार्गदर्शन में साधना एवं विविध सेवाएं भी उत्साह से करती है ।

बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में कुलपति द्वारा आयोजित इफ्तार पार्टी के कारण छात्रों में प्रचंड आक्रोश !

यह निश्चित है, कि हिन्दुओं में आत्मघाती धर्मनिरपेक्षता एक दिन उन्हें विनाश की खाई में धकेलेगी !

प्रभू श्रीरामचंद्रजी के बारे में आपत्तिजनक वक्तव्य करने के कारण पंजाब विश्वविद्यालय द्वारा प्राध्यापक को पद से हटाया गया !

यदि प्राध्यापक ही हिंदुओं के देवताओं के विषय में आपत्तिजनक वक्तव्य करेंगे, तो छात्रों पर उसका क्या परिणाम होगा, इस के बारे में विचार न करें तो ही अच्छा !

सीबीएसई ने पाठ्यक्रम से इस्लामी साम्राज्य, शीतयुद्ध इत्यादि अध्याय निकाल दिए !

यद्यपि इस परिवर्तन का हम स्वागत करते हैं, तब भी सीबीएसई (CBSE) को एक कदम आगे बढाकर इस्लामी आक्रमकों का क्रूर इतिहास नई पीढी को बताना आवश्यक है ।

युक्रेन से वापस लौटे चिकित्सकीय शाखा के १६ सहस्र छात्रों को भारत के चिकित्सकीय महाविद्यालयों में प्रवेश देने का सरकार का विचार !

केंद्र सरकार फॉरेन मेडिकल ग्रैज्यएट लाइसेन्शिएट रेग्युलेशन (एफ्.ए.एम्.जी.एल्.) एक्ट में बदलाव करने पर विचार कर रही है ।