सर्वाेत्तम शिक्षा क्या है ?
भौतिक साधनसुविधा अखंड सुख न देते हुए क्षणभंगुर सुख देती हैं और अपनी स्वाभाविक इच्छा ‘अखंड सुख (आनंद) मिले’, होने से भारतीय संस्कृति के दृष्टिकोण से बारंबार आनेवाला सुख भी अंत में दुःखरूप ही होता है ।
भौतिक साधनसुविधा अखंड सुख न देते हुए क्षणभंगुर सुख देती हैं और अपनी स्वाभाविक इच्छा ‘अखंड सुख (आनंद) मिले’, होने से भारतीय संस्कृति के दृष्टिकोण से बारंबार आनेवाला सुख भी अंत में दुःखरूप ही होता है ।
हरियाणा के भाजपा सरकार का बधाई के पात्र निर्णय ! हिन्दू अपेक्षा करते हैं कि, छात्रों को सरस्वती नदी एवं कुरुक्षेत्र का आध्यात्मिक महत्व भी सिखाया जाएगा !
कहां हिन्दू-विरोधी कार्यक्रमों के विरुद्ध तत्परता से संगठित होकर सक्रिय होने वाले विदेश के हिन्दू और कहां हाथ पर हाथ धरे चुप बैठने वाले भारत के साधारण हिन्दू ?
इस कारण अनैतिकता दूर करने के लिए लडकों और लडकियों को स्वतंत्र शिक्षा देना, यह पर्याय ना होकर मूलरूप से वासनांध वृत्ति में परिवर्तन होना आवश्यक है । उसे दूर करने के लिए मदनी को उनके धर्मं वालों का आवाहन करना चाहिए !
बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को अब वेद, पुराण, रामायण, महाभारण, दर्शन, स्थापत्य, लोकनाट्य, ज्ञानमीमांसा, साथ ही हिन्दू धर्म की विशेषता और परंपरा पर आधारित पाठ्यक्रम का लाभ मिलेगा ।
आधुनिक समाज की मान्यताओं एवं सामाजिक व्यवस्थाओं की पुष्टि करती हुई तदनुकूल शिक्षा का प्रचलन । इसलिए आधुनिक शिक्षा का रूप समझने के लिए आधुनिक समाज और उनकी मान्यताओं का अवलोकन आवश्यक है ।
बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय की अभिनंदनीय कृति ! इस प्रकार के अभ्यासक्रम देश के अन्य विश्वविद्यालयों द्वारा भी चालू करना आवश्यक । इस प्रकार सच्चे अर्थ में नीतिमान और चरित्रसंपन्न पीढी निर्माण होगी !
आधुनिक युग की सबसे बडी समस्या यह है कि अधिकांश समाज आत्मा को जानता नहीं (या ठीक से नहीं जानता) और न ही इसे जानने की इच्छा रखता है ।
राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद की पांचवी कक्षा की ‘ब्लॉसम पार्ट-४’ नामक पाठ्यपुस्तक में बच्चों के मन को ईसा मसीह से प्रभावित करने का पाठ दिया गया है।
शिक्षा वही पूर्ण एवं सर्वोत्कृष्ट कहलाएगी जो मनुष्य के कुशलतापूर्वक निर्धारित, ध्येय पदार्थों को प्राप्त कराने का साधन हो ।