परवेज परवाज को ७ वर्ष कारावास का दंड !
‘१७ वर्षों के उपरांत मिला न्याय, क्या यह अन्याय नहीं ? ’, एसा नागरिकों को लगता है !
‘१७ वर्षों के उपरांत मिला न्याय, क्या यह अन्याय नहीं ? ’, एसा नागरिकों को लगता है !
ऐसी घटना यदि अल्पसंख्यकों के विरुद्ध होती, तो आज वह पुलिस थाना शेष नहीं रहता !
स्वतंत्रता के पश्चात समान नागरी कानून लागू होनेवाला उत्तराखंड पहला राज्य होगा ।
मोदी का उत्तराधिकारी उनसे भी अधिक जहाल होगा । वह इतना जहाल होगा कि उसकी तुलना में मोदी अधिक मुक्त विचारों के लगेंगे ।
पी.एफ.आइ. पर प्रतिबंध है । तो भी उसके समर्थक एवं जिहादी कृत्य करनेवाले अभी तक कार्यरत हैं, यही इस घटना से दिखाई देता है । इस संगठन को समूल नष्ट करने के लिए केंद्र सरकार को कदम उठाना आवश्यक !
हिन्दुत्ववादी संगठनों की आक्रामक भूमिका का परिणाम !
झंडा निकालने की भाजपा ने की थी मांग !
विद्यालयों-महाविद्यालयों तथा मदरसों में गणवेश लागू किया जाए ! – राज्य के कृषिमंत्री डॉ. किरोडीलाल मीणा
सभी आरोपी प्रतिबंध जिहादी आतंकवादी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के सदस्य थे ।
एक प्रकरण की जांच के समय झारखंड मुक्ति मोर्चा के मुख्यमंत्री लापता क्यों हो गए ? अगर उन्होंने कुछ भी अनुचित नहीं किया है, तो उन्हें किस बात का भय है? लोगों के मन में यह प्रश्न उठेंगे !