१७ वर्ष पूर्व योगी आदित्यनाथ एवं भाजपा के अन्य नेताओं की प्रतिमा मलिन करने का प्रकरण !
गोरखपुर (उत्तर प्रदेश) – उत्तर प्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ ही भाजपा के अनेक नेताओं की नकली (ध्वनिचित्र चकती) सीडी के माध्यम से छवि धूमिल करने के प्रकरण में, गोरखपुर न्यायालय ने आरोपी परवेज परवाज को ७ वर्षों के कारावास का दंड सुनाया है । साथ ही १० सहस्र रुपए का दंड भी दिया है ।
वर्ष २००७ में इराक के तानाशाह सद्दाम हुसेन को फांसी दी गई, तब परवेज ने गोरखपुर में भडकाऊ भाषण दिए थे एवं मुस्लिमों की भीड द्वारा शहर के हिन्दुओं की दुकानों पर पथराव किया था । तत्पश्चात उसने गोरखपुर के तत्कालीन सांसद योगी आदित्यनाथ एवं भाजपा के नेता शिवप्रताप शुक्ला, राधामोहन दास अग्रवाल एवं अंजू चौधरी पर भडकाऊ भाषण करने का आरोप लगाते हुए झूठा परिवाद प्रविष्ट किया था । न्यायालय ने परवेज को प्रमाण प्रस्तुत करने के लिए कहा तो, उसने एक सीडी न्यायालय को सौंप दी थी । उसने दावा करते हुए कहा था कि इस सीडी में इन नेताओं के भडकाऊ भाषण हैं । यह सीडी न्यायालिक विज्ञान प्रयोगशाला में जांच (फोरेंसिक जांच) के लिए भेजी गई । तब सामने आया कि वह नकली है । न्यायाधीश आदर्श श्रीवास्तव ने उसे दंड सुनाया । परवेज पहले से ही एक बलात्कार के प्रकरण में कारागृह में है ।
संपादकीय भूमिका‘१७ वर्षों के उपरांत मिला न्याय, क्या यह अन्याय नहीं ? ’, एसा नागरिकों को लगता है ! |