Puri Shankaracharya Reaction : हिन्दुओं को लक्ष्य किया गया, तो मुसलमान शेष नहीं रहेंगे ! – शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वतीजी

शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने भी हिन्दुओं पर हो रहे आक्रमण का विरोध किया था !

CM Yogi On Bangladeshi Hindu : बांग्लादेश के हिन्दुओं के विषय में कोई कुछ भी नहीं बोल रहा !

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का प्रहार !
बांग्लादेश में उत्पन्न ‍वर्तमान स्थिति की विभाजन के समय की स्थिति से तुलना !

ज्योतिषी ईश्वर का दूत है । उसे सदैव यह भाव रखना चाहिए कि ‘मैं दैवी कार्य कर रहा हूं !’ – पू. डॉ. ॐ उलगनाथन्जी, जीवनाडी-पट्टिका वाचक

सभी ज्योतिषी एकत्रित हुए, तो हमें एक-दूसरे से सीखने को मिलेगा तथा उससे संगठित भाव उत्पन्न होगा । ‘भगवान ने मनुष्य को ज्योतिषशास्त्र क्यों प्रदान किया होगा ?’, यह प्रश्न पूछकर हमें मूल विषय तक पहुंचना चाहिए’’

संपादकीय : वक्फ कानून रद्द करें !

वक्फ कानून के कारण इच्छित भूमि पर अधिकार जताने का दावा सीधे-सीधे ‘लैंड जिहाद’ को प्रोत्साहित करनेवाला है । लोकतंत्रवाले भारत में ऐसा कानून बन ही कैसे सकता है ? यही प्रश्न है ।

संवैधानिक आरक्षण का वर्गीकरण करने के संदर्भ में सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय !

७ न्यायाधीशों के इस संविधान पीठ में केवल न्यायाधीश बेला त्रिवेदी ने ही भिन्न मत रखा । अन्य ६ न्यायाधीशों ने सर्वसम्मति से घोषित किया कि राज्य सरकारें अनुसूचित जातियों में स्थित जातिनिहाय उपवर्गीकरण कर सकती हैं ।

‘रैंप जिहाद’ : हिन्दू महिलाओं के साथ षड्यंत्र !

‘अब तक आपने अनेक जिहाद सुने अथवा देखे होंगे; परंतु हिन्दू महिलाओं के साथ ऐसा ही एक और जिहाद चल रहा है, जिसे सुनकर आप चौंक जाएंगे तथा वह है ‘रैंप शो !’ जिन फैशन-माफियाओं में देश के अधिकांश ब्यूटी पार्लर मुसलमानों ने ‘हाइजैक’ (नियंत्रण स्थापित) कर लिया है ।

बांग्लादेश के हिन्दुओं का कोई तारणहार न होने से उनकी स्थिति दयनीय !

भारत के हिन्दुओ, ‘बांग्लादेश की घटनाएं वर्तमान हैं; परंतु यह आपका भविष्य है’, इसे आप न भूलो ! हिन्दू संगठित नहीं हुए, तो भगवान भी उनकी रक्षा क्यों करें ?

बांग्लादेश में चल रही अराजकता तथा भारत के सामने खडी चुनौतियां !

बांग्लादेश में चल रही अराजकता उनके लोकतंत्र, आर्थिक विकास तथा भारत के लिए दुर्भाग्यजनक !

शारीरिक कष्ट बढने के विविध कारण

जब आप अन्न, हवा एवं पानी इन मूल बातों पर निर्भर होते हैं तथा वही यदि मिलावट आ जाती है, तो बीमारी से कोई अछूता नहीं रह सकता ! चिकित्सकीय क्षेत्र के लोग भी ! इसीलिए हमारी दादी जिस प्रकार स्वस्थ रही, उस प्रकार स्वस्थ रहने के लिए हमारी पीढी को बहुत अधिक प्रयास करने पडेंगे, यह निश्चित है !

सनातन की ग्रंथमाला : श्राद्ध (भाग १) महत्त्व एवं अध्यात्मशास्त्रीय विवेचन

श्राद्धकर्म विधि करने से होनेवाले लाभ जानने हेतु पढें सनातन का ग्रंथ !