फेफडे की क्षमता में सुधार लाने हेतु नियमितरूप से प्राणायाम तथा श्वास से संबंधित व्यायाम करें !
इस स्तंभ से हम व्यायाम की आवश्यकता तथा उसके महत्त्व की जानकारी लेनेवाले हैं, साथ ही व्यायाम के संबंध में शंकाओं का समाधान भी करेंगे ।
इस स्तंभ से हम व्यायाम की आवश्यकता तथा उसके महत्त्व की जानकारी लेनेवाले हैं, साथ ही व्यायाम के संबंध में शंकाओं का समाधान भी करेंगे ।
किसी भी कार्य के लिए समय सुनिश्चित करने से ‘उसी समयावधि में हमें वह कृति करनी है’, इसका स्मरण रहता है तथा प्रतिदिन उन कृतियों को करने से हम उसके अभ्यस्त हो जाते हैं ।
विश्व के आधुनिकीकरण के साथ उत्पन्न शारीरिक समस्याओं के समाधान के रूप में ‘व्यायाम’ एक प्रभावशाली माध्यम सिद्ध हुआ है । आजकल इस विषय पर बहुत चर्चा हो रही है तथा इस विषय में जागृति भी आई है; परंतु तब भी व्यायाम करनेवालों की संख्या अल्प ही दिखाई देती है ।
प्रतिदिन सुबह तथा संध्या समय गाय की पीठ पर हाथ फेरने से रक्तदाब ५० प्रतिशत न्यून होगा ।
आज ५२वां दिन है, हमारे ऊपर अब भी हमले हो रहे हैं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा दिए गए आश्वासन पूरे करने के लिए कोई भी प्रयास होता नहीं दिख रहा है।
आम्लपित्त से ग्रस्त रोगियों की पाचन संबंधी समस्याओं को ध्यान में लेकर कहते हैं, ‘आप तो कुछ भी न खाएं । मिर्च न खाएं, पनीर न खाएं; मैदा, रवा, पोहा, बेकरीजन्य पदार्थ, ब्रेड, आलू आदि न खाएं ! तो मैं खाऊं तो क्या खाऊं ?’, अनेक बार यह प्रश्न उठता है ।
व्यायाम एक समग्र स्वास्थ्यवर्धक क्रिया है । वह केवल वजन घटाने का साधन नहीं है । अतः हम सभी अपने शरीर एवं मन को स्वस्थ रखने में आनेवाली सभी बाधाएं दूर करने के लिए, नियमितरूप से व्यायाम करने का प्रयास करेंगे !’
गंगा नदी का जल पीने योग्य एवं आचमन योग्य नहीं है ! – एनजीटी
तिरुपति मंदिर में प्रसाद के लड्डू का प्रकरण !
‘विरुद्ध आहार’ एक भिन्न संकल्पना है । बहुत ही संक्षेप में कहना हो, तो ऐसे पदार्थ, जिन्हें एक-दूसरे के साथ खाया गया, तो वे स्वास्थ्य के लिए घातक होते हैं । ‘केले का दूध में बनाया गया सिखरन’ आयुर्वेद के अनुसार विरुद्ध आहार ही है !