(कहते हैं) ‘बांग्लादेश में आंदोलन के समय ‘हिंदू’ के रूपमें किसी पर भी आक्रमण नहीं हुआ !’ – महंमद तौहीद हुसेन
मोहम्मद तौहीद हुसेन से पूछा गया कि क्या देश में दुर्गापूजा मनाई जाएगी ?, तो उन्होंने कहा कि यह बहुत विचित्र बात है ।
मोहम्मद तौहीद हुसेन से पूछा गया कि क्या देश में दुर्गापूजा मनाई जाएगी ?, तो उन्होंने कहा कि यह बहुत विचित्र बात है ।
अमेरिका के भारतवंशी हिन्दू ऐसा विरोध क्यों नहीं करते ?
उन्होंने कहा है कि सबसे पहले कट्टरता पैदा होती है । बांग्लादेश में छात्रों को भड़काने वाले लोग अलग-अलग हैं । तस्लीमा नसरीन ने कहा कि इन सबके पीछे कट्टरपंथी इस्लामिक ग्रुप का हाथ है ।
इसका अर्थ है कि बांग्लादेश में लोकतांत्रिक सरकार की संभावना अल्प है !
ऐसी घटना किसी मस्जिद के विषय में घटी होती और वहां एक हिन्दू ने घुसकर हनुमान चालीसा पढ़ी होती, तो उसका ‘सर तन से जुदा’ (शिरच्छेद) हो गया होता !
भारत के सुरक्षा तंत्र को बांग्लादेश के आतंकियों को ढूंढकर उन्हें उसी स्थान पर कुचल देना चाहिए, यदि कोई धर्मप्रेमी ऐसा कहता है, तो इसमें चूक क्या है ?
बांग्लादेश के विदेश सचिव एम.डी. जशीम उद्दीन ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि अंतरिम सरकार के गठन के बाद अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल का आगमन दिखाता है कि अमेरिका बांग्लादेश के साथ अपने संबंधों को कितना महत्व देता है।
भारत को बांग्लादेश की सरकार को वहां के हिन्दुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने का भान करा देना महत्त्वपूर्ण !
पाकिस्तान या बांग्लादेश में ईशनिंदा का हिंदुओं के विरोध में हथियार के रूप में उपयोग करके उन्हें समाप्त करने की कोशिश कर रहे हैं, यह पिछली घटनाओं से देखा जा सकता है।
जो हिन्दू बांग्लादेश के पुलिस थाने में ही असुरक्षित हैं, तो अन्यत्र उनकी क्या स्थिति होगी ?, इसकी कल्पना करना भी कठिन है । और कितने हिन्दुओं की हत्या के उपरांत भारत सरकार बांग्लादेश को सबक सीखानेवाली है ?