CM Yogi On Bangladeshi Hindu : बांग्लादेश के हिन्दुओं के विषय में कोई कुछ भी नहीं बोल रहा !

  • उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का प्रहार !

  • बांग्लादेश में उत्पन्न ‍वर्तमान स्थिति की विभाजन के समय की स्थिति से तुलना !

लक्ष्मणपुरी (उत्तरप्रदेश) – वर्ष १९४७ में जो घटनाएं हुईं, वही आज बांग्लादेश में पुनः हो रही है । बांग्लादेश के हिन्दू अपने प्राणों की रक्षा के लिए याचना कर रहे हैं; परंतु बांग्लादेश के हिन्दुओं के विषय में कोई कुछ भी नहीं बोल रहा है । भारत के सभी लोगों के मुंह सीले हुए हैं, ऐसी आलोचना उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यहां की । हजरतगंज में विभाजन के स्मृतिदिवस के निमित्त आयोजित सभा में वे ऐसा बोल रहे थे ।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नेे आगे कहा कि,

भारत के विभाजन के लिए कांग्रेस ही उत्तरदायी है !

भारत के विभाजन के लिए कांग्रेस ही उत्तरदायी है । अब हम देश का पुनः विभाजन नहीं होने देंगे । कांग्रेस को केवल अपने वोटबैंक की चिंता है । जाति के नाम पर तोडने का प्रयास किया जा रहा है ।

पाकिस्तान का भारत में विलय होगा अथवा वह नष्ट हो जाएगा !

पाकिस्तान की स्थिति ऐसी है कि एक तो उसका भारत में विलय होगा अथवा वह इतिहास से स्थायीरूप से मिट जाएगा । महर्षि अरविंद ने वर्ष १९४७ में ही ऐसा प्रतिपादित किया था कि आध्यात्मिक जगत में पाकिस्तान का कोई अस्तित्व नहीं है । ऐसे लोगों को नष्ट करना पडता है । हमें ऐसे लोगों के अस्त की ओर संदेह की दृष्टि से नहीं देखना चाहिए । यदि ऐसा हुआ, तो हमें उस पर विश्वास करना चाहिए । उसके लिए हम प्रयास करेंगे ।

ध्वस्त तीर्थस्थलों में सुधार करने पडेंगे !

विदेशी आक्रांताओं ने भारत में प्रवेश कर भारत के तीर्थस्थलों को ध्वस्त किया है, उन पवित्र तीर्थस्थलों में सुधार करना पडेगा तथा ऐसी सभी चूकें तथा विभाजन की त्रासदी पर विजय प्राप्त करनी पडेगी । इन त्रुटियों को दूर कर हमें ‘राष्ट्र प्रथम’ की दृष्टि से काम करना पडेगा ।

राजनीतिक स्वार्थ के लिए किया गया भारत का विभाजन !

इस कार्यक्रम से पूर्व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए कहा, ‘‘राजनीतिक स्वार्थ के कारण १४ अगस्त १९४७ को संपूर्ण विश्व को ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ की व्यापक भावना सिखानेवाली हमारी भारतमाता का विभाजन किया गया । इस अमानुषिक निर्णय के कारण केवल देश का ही विभाजन नहीं हुआ; अपितु अनेक निर्दाेष नागरिकों को अपने प्राण गंवाने पडे । अनेक लोगों को विस्थापित होना पडा, साथ ही पीडा झेलनी पडी । विभाजन के समय मारे गए सभी निर्दाेष नागरिकों को १४ अगस्त के इस ‘विभाजन के स्मृतिदिवस’ के उपलक्ष्य में विनम्र आदरांजलि !’’ (१५.८.२०२४)