चीन में घर में गुप्त पद्धति से चर्च चलानेवाली ईसाई दंपति पर लगाया गया आर्थिक दंड !
भारत में अल्पसंख्यकों के धार्मिक अधिकारों का दमन होने का आक्रोश करनेवाले इस पर क्यों चूप हैं ?
भारत में अल्पसंख्यकों के धार्मिक अधिकारों का दमन होने का आक्रोश करनेवाले इस पर क्यों चूप हैं ?
मणीपुर में पिछले २ महिनों से हिन्दुओं के विरुद्ध चल रही हिंसा रोकने में सफलता न मिलने की स्थिति हिन्दू राष्ट्र की स्थापना अनिवार्य बना देती है !
त्योहार मनाना अलग और बच्चों से नमाजपठन करवाना अलग बात है । मुसलमान विद्यार्थियों द्वारा गीतापठन करवाया होता, तो क्या हुआ होता’, इसका विचार विद्यालय के व्यवस्थापन मंडल काे करना चाहिए !
तमिलनाडु में भारी मात्रा में हिन्दूविरोधी कार्रवाईयां शुरू हैं, जबकि तमिलनाडु मूलत: हिन्दुओं की पुण्यभूमि है । नई संसद में स्थापित ‘सांगोल’ (धर्मदंड) इस भूमि से ही ले जाया गया है ।
नक्सलवादियों द्वारा वनवासी बच्चों के हाथों में बलपूर्वक बंदूकें पकडाई जाती हैं । नक्सलवादी संगठनों में सम्मिलित होने से नकार देनेवालों की क्रूरता से हत्या कर दी जाती है ।
अधिवक्ता राजीव नाथ ने आगे कहा, ‘‘असम में ब्रिटिशों के काल से ईसाई पंथियों की संख्या अधिक है । जहां-जहां उनकी संख्या बढी, वहां देश विभाजित हुआ है । असम में मुसलमानों की जनसंख्या भी ३६ प्रतिशत से अधिक है, साथ ही वहां के ९ जिले मुसलमानबहुल बन गए हैं ।
घर के पुरुष जब काम पर जाते हैं, तब यह महिलाएं दोपहर के समय चर्च में जाती हैं । वहां जाने के उपरांत ‘आपके भगवान अच्छे नहीं हैं’, ऐसा बताया जाता है । उनके बताए अनुसार हिन्दू महिला देवपूजा करना तथा तुलसीपूजा करना रोक देती हैं ।
विगत १ माह से निरंतर ईसाइयों द्वारा की जा रही हिंसा हिन्दू राष्ट्र की निर्मिति को अपरिहार्य करता है !
धर्मांतरण विरोधी कडा कानून न होने से ही निरंतर ऐसे प्रयास हो रहे हैं, यह ध्यान में लें !
कुकी आतंकवादियों पर कार्रवाई करने के लिए केंद्र सरकार को कडे कदम उठाने आवश्यक !