(और इनकी सुनिए …) ‘यदि रामास्वामी संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति बनते हैं, तो व्हाइट हाउस में हिन्दू देवताओं की विचित्र छवियां दिखेंगी ! – ट्रंप समर्थक पादरी हैक कुन्नेमन

हिन्दू होने पर गर्व करने वाले रिपब्लिकन पक्ष के संभावित प्रत्याशी विवेक रामास्वामी की ‘राष्ट्रवादी’ ईसाई पादरियों ने की आलोचना !

रिपब्लिकन पक्ष के संभावित प्रत्याशी विवेक रामास्वामी

वाशिंगटन (अमेरिका) – अमेरिका में आगामी वर्ष होने वाले राष्ट्रपति चुनाव की पृष्ठभूमि में डोनाल्ड ट्रंप के स्थान पर रिपब्लिकन पक्ष के संभावित प्रत्याशी के तौर पर भारतीय मूल के विवेक रामास्वामी के नाम की चर्चा हो रही है । कुछ लोगों ने इसके लिए रामास्वामी का समर्थन भी किया है । यह विदित है कि रामास्वामी हिन्दू हैं, इसलिए अनेक ईसाई पादरियों ने उनका विरोध किया है। इसी प्रकार ट्रंप समर्थक पादरी हैक कुन्नेमन ने कहा कि यदि रामास्वामी चुने जाते हैं, तो व्हाइट हाउस में हम हिन्दू देवताओं की कुछ विचित्र छवियां देखेंगे ।

१. पत्रिका ‘द रोलिंग स्टोन’ में प्रकाशित एक लेख के अनुसार कुन्नेमन ने रामास्वामी के हिन्दू होने के आधार पर उनके विरुद्ध अनेक वक्तव्य दिए हैं । कुन्नेमन ने कहा, ‘हमें रामास्वामी के रूप में ‘नई युवा शक्ति’ से संकट है ।’ यदि वह व्यक्ति प्रभु यीशु की सेवा नहीं करेगा, तो आपके ईश्वर आपसे अप्रसन्न हो जाएंगे । हम क्या कर रहे हैं क्या आप किसी व्यक्ति को बाइबल की अपेक्षा किसी अन्य धर्मग्रंथ पर हाथ रखने की अनुमति देंगे ?”

२. ओक्लाहोमा के पादरी जॉन बेनेट ने रामास्वामी के संबंध में अत्यंत मिथ्या वक्तव्य दिए, उन्होंने कहा कि रामास्वामी ने ईसाई मत पाने के लिए ईसाई होने का दावा किया । जब कि वास्तव में रामास्वामी ने कभी ऐसा दावा किया ही नहीं ।

३. ‘द न्यूयॉर्क टाइम्स’ में प्रकाशित एक लेख के अनुसार रामास्वामी के उपरांत दूसरी श्रेणी के रिपब्लिकन उम्मीदवार डी. सैंटिस रामास्वामी को उनके धर्म एवं पृष्ठभूमि के आधार पर लक्ष्य कर सकते हैं । इस प्रकार वे ईसाई रूढिवादियों के मत प्राप्त कर सकते हैं ।

संपादकीय भूमिका 

हिन्दुओं से घृणा करने वाला अमेरिका ! वैसे तो अमेरिकी हिन्दू, रिपब्लिकन पक्ष के पारंपरिक मतदाता माने जाते हैं । अत: यदि कोई हिन्दू व्यक्ति राष्ट्रपति पद का प्रत्याशी बनता है तो राष्ट्रवादी माने जाने वाले ईसाई पादरियों के पेट में पीडा क्यों होती है ? यह इस पक्ष के पाखंडी हिन्दू प्रेम को दर्शाता है !

मेरे लिए हिन्दुत्व कोई बाधा नहीं, अपितु एक अद्वितीय लाभ है ! -विवेक रामास्वामी

१. रामास्वामी के माता-पिता भारत से अमेरिका जाकर बस गए थे । रामास्वामी ने भी अपनी हिन्दू आस्था अक्षुण्ण रखी ।

२. उनका कहना है कि मेरे लिए हिन्दू धर्म कोई बाधा नहीं, अपितु एक अनोखा लाभ है । मैं बिना किसी डर के सदा धर्म के पुनरुद्धार के लिए खडा रहूंगा ।

३. कुछ दिन पूर्व उन्होंने भारत के साथ सहयोग बढाने में अमेरिका की भूमिका के विस्तार करने का समर्थन किया था । उन्होंने कहा कि भारत एवं अमेरिका के मध्य अविश्वास का संबंध है; क्योंकि अमेरिका ने दोनों देशों के मध्य विश्वास पर आधारित संवाद नहीं साधा है । यदि मैं अपने कार्यकाल में दोनों देशों में विश्वास प्रस्थापित करने में विफल रहा, तो मैं स्वयं को असफल मानूंगा ।

४. रामास्वामी ने कहा है कि समाज में विभाजन रेखा हिन्दू धर्म, ईसाई धर्म अथवा यहूदी धर्म के लोगों के मध्य नहीं है, अपितु उन लोगों के मध्य है जो ‘वास्तविक ईश्वर’ में विश्वास करते हैं तथा जो ‘वोकिज्म’ (कथित तौर पर उदार प्रगतिशील विचारधारा) के नाम पर धर्म को जलवायुवाद तथा समलैंगिकता जैसी नई विचारधाराओं के रूप में प्रदान करने का प्रयत्न करते हैं, जिससे विभाजन होता है ।

संपादकीय भूमिका 

कहां है हिन्दू धर्म के प्रति कण कण में द्वेष पालने वाला कांग्रेस पक्ष तथा कहां हैं विवेक रामास्वामी समान हिन्दू धर्म प्रेमी ?