लंडन (ब्रिटन) – ‘द टाइम्स’ दैनिक द्वारा किए गए सर्वेक्षण में ब्रिटन के ‘चर्च ऑफ इंग्लैंड’के ५३.४ प्रतिशत पादरियों ने समलैंगिक विवाह का समर्थन किया है, इसके साथ ही उन्होंने इसके लिए चर्च के कानून में परिवर्तन करने की भी मांग की है । केवल ३६.५ प्रतिशत पादरियों ने समलैंगिक विवाह का विरोध किया है ।
१. विशेष बात यह है कि ब्रिटन में वर्ष २०१४ में समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता दी गई है । उस समय ५१ प्रतिशत पादरियों ने इसका विरोध किया था, जबकि ३९ प्रतिशत पादरियों ने समर्थन किया ।
२. अभी के सर्वेक्षण में ६४.५ प्रतिशत पादरियों का कहना है कि ‘समलैंगिकता को पाप अथवा ईसाई धर्मग्रंथों के विरोध में न समझा जाए ।’ ३७.३ पादरियों ने कहा कि उन्हें समलैंगिकता में लैंगिक संबंधों के विषय में कोई आपत्ति नहीं है ।
चर्च ऑफ इंग्लैंड के 64% पादरियों का कहना है कि समलैंगिक संबंधों को पाप या उनके मजहबी ग्रन्थों के खिलाफ नहीं माना जाना चाहिए।https://t.co/tQcp518Wms
— ऑपइंडिया (@OpIndia_in) September 2, 2023
ब्रिटन को ‘ईसाई राष्ट्र’ न कहें ! – ७५ प्रतिशत पादरियों का मत‘द टाइम्स’ दैनिक द्वारा किए गए सर्वेक्षण के अनुसार ब्रिटन में ७५ प्रतिशत पादरियों का कहना है कि अब ब्रिटन को ‘ईसाई राष्ट्र’ न कहा जाए, जबकि ६४ प्रतिशत पादरियों का कहना है कि ब्रिटन को ऐतिहासिकदृष्टि से ‘ईसाई राष्ट्र’ कह सकते हैं; परंतु वर्तमान स्थिति में उसे ‘ईसाई राष्ट्र’ न संबोधित करें । |
संपादकीय भूमिकापादरियों द्वारा बच्चे और महिलाओं के लैंगिक शोषण की अब तक सैकडों घटनाएं उजागर होने पर उनसे कुछ भिन्न विचारों की अपेक्षा ही नहीं की जा सकती ! |