#DevachaNyay : ‘एक्स’ पर चल रहे ट्रेंड में ‘भगवान का न्याय’ नंबर एक पर ‘हैशटैग’ है !
बच्ची से रेप का आरोपी अक्षय शिंदे एनकाउंटर में मारा गया इस मामले का ट्रेंड ‘भगवान का न्याय’ नाम से एक्स (पहले ट्विटर) पर चल रहा है।
बच्ची से रेप का आरोपी अक्षय शिंदे एनकाउंटर में मारा गया इस मामले का ट्रेंड ‘भगवान का न्याय’ नाम से एक्स (पहले ट्विटर) पर चल रहा है।
‘हिंदू सेना’ संगठन की ओर से प्रविष्ट इस याचिका में कहा गया है कि इस सीरीज में तथ्यों के साथ छेडछाड की गई है और विमान अपहरण करने वाले इस्लामिक आतंकवादियों के नाम बदल दिए गए है । याचिका में यह भी कहा गया है कि इस वेब सीरीज से हिन्दुओं की भावनाएं आहत हुई है ।
‘नेटफ्लिक्स’ की वेब सीरीज ‘आईसी ८१४ : द कंधार हाईजैक’ में जिहादी आतंकवादियों के सही नाम छुपाकर उन्हें हिन्दू नाम देने पर केंद्र सरकार ने ‘नेटफ्लिक्स’ को समन्स भेज कर बुलाया था ।
ओटीटी मंच के ‘नेटफ्लिक्स’ पर प्रसारित वेब सीरीज ‘आईसी ८१४ द कंधार हाईजैक’ (कंधार विमान अपहरण) में जिहादी आतंकियों के वास्तविक नाम छुपाए गए तथा उन्हें हिन्दू नाम भोला तथा शंकर देने के कारण पिछले कुछ दिनों से उसका विरोध किया जा रहा है ।
हिन्दू बहुल भारत से करोड़ों रुपए कमाने वाले यूट्यूब, फेसबुक, ट्विटर आदि विदेशी प्रतिष्ठान इस तरह से भारत में हिन्दुओं या हिन्दुओं के पक्ष में बोलने वालों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हनन करते हैं। क्या सरकार ऐसी संस्थाओं पर कठोर कार्यवाही कर के हिन्दुओं को न्याय देगी ?
आपराधिक एवं आतंकवादी गतिविधियों के लिए टेलिग्राम का उपयोग करनेवालों को प्रतिबंधित न करने का प्रकरण
समाज की नैतिकता हीन स्तर पर आने से ऐसा हो रहा है । आज तक के सर्वदलीय राज्यकर्ता ही इसके लिए उत्तरदायी हैं । जनता को साधना सिखाकर यदि वे उसे धर्माचरणी बनाते, तो आज ऐसी स्थिती नहीं होती !
ऐसे व्यभिचार दिखानेवालों की जगह कारागृह में होनी चाहिए । इसे रोकने के लिए हम योजना निश्चित कर रहे हैं । ऐसों को ३ वर्षों तक जमानत नहीं मिलनी चाहिए । संस्कृति पर इस आक्रमण को राष्ट्रद्रोह माना जाए, ऐसा कठोर कानून इसके विरोध में होना अपेक्षित है ।
फेसबुक का हिंदू नेताओं और संगठनों के अकाउंट बैन करने और जिहादियों और आतंकियों के अकाउंट चलाते रहने का इतिहास रहा है। इसलिए इस प्रकार की घटना को आश्चर्यजनक नहीं कहा जा सकता। फेसबुक पर प्रतिक्रिया देने के लिए भारतीयों को भी अपने सोशल मीडिया ऐप आरंभ कर देना चाहिए !
यदि पुलिस ऐसे हवसियों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही करेगी तो पुनः कोई ऐसी कृत्य करने का साहस नहीं करेगा !