सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी के विषय में संतों द्वारा व्यक्त किए गए गौरवोद्गार
‘जो ब्रह्म को जानता है, वह स्वयं ही ब्रह्म बन जाता है’, वेदों में वर्णित यह वाक्य सार्थ करनेवाले सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी ! – पू. डॉ. शिबनारायण सेन
‘जो ब्रह्म को जानता है, वह स्वयं ही ब्रह्म बन जाता है’, वेदों में वर्णित यह वाक्य सार्थ करनेवाले सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी ! – पू. डॉ. शिबनारायण सेन
यह बात न्यायालयाल को क्यों कहनी पडती है ? यह पुरातत्व विभाग के ध्यान में क्यों नहीं आता ? सदा हिन्दुओं की ही धार्मिक भावनाएं आहत करनेवाला पुरातत्व विभाग अमान्य करें !
जैन तीर्थंकर ऋषभ देव एवं भगवान विष्णु की ओर से अधिवक्ता पू. हरि शंकर जैन एवं रंजना अग्निहोत्री ने कुतुबमीनार परिसर में पूजा करने का अधिकार मांगा है ।
ज्ञानवापी परिसर में मिले शिवलिंग की पूजा करने की अनुमति मांगने वाली और उसकी ‘कार्बन डेटिंग’ (कोई वस्तु कितने वर्ष पुरानी है, यह जांचना) करने की मांग करने वाली नई याचिका पर अभी सुनवाई करने के लिए सर्वोच्च न्यायालय ने मना कर दिया ।
देश में कृषि कानून, नागरिकत्व सुधार कनून के विरोध में आंदोलन हो सकता है, तो हिन्दुत्व के लिए आंदोलन क्यों नहीं हो सकता ? हिन्दुत्व के लिए देश को हिलाकर रख देना चाहिए । अब हिन्दुओं को यह दिखा देना चाहिए, ‘हिन्दूहित का लिए काम करनेवाले ही देश पर राज्य कर सकेंगे !
ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाना का (नमाज के पहले हाथ-पैर धोने का स्थान) पानी लगातार तीन दिन तक निकालने पर वहां भव्य शिवलिंग मिला । जिस समय मुझे उस भव्य शिवलिंग के दर्शन हुए, उस समय मैंने निश्चय किया कि, आगे से हिन्दुओं के आराध्य देवताओं का अनादर नहीं होने दूंगा ।
काशी विश्वनाथ मंदिर से अतिक्रमण हटाने के लिए ज्ञानवापी मस्जिद के विरुद्ध सफल न्यायालयीन लडाई के लिए गोमंतक के विभिन्न मंदिरों द्वारा सर्वोच्च न्यायालय के पू. (अधिवक्ता) हरि शंकर जैनजी और उनके बेटे, ‘हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस’ के प्रवक्ता और सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन का दशम अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन में १२ जून को प्रथम दिवस पर विशेष सत्कार किया गया ।
महर्षि अध्यात्म विश्विद्यालय की स्थापना कर उन्होंने (परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी ने) हिन्दू राष्ट्र की बात को केवल राजकीय रूप न देते हुए हमारी अध्यात्म विद्या को पुनः उजागर करने का और उसके भीतर अनेक प्रयोग कर, अनेक साधकों को तैयार करने का एक महनीय कार्य किया है ।
‘जयतु जयतु हिन्दू राष्ट्रम्’, ‘हर हर महादेव’ के जयघोष में यहां के श्री रामनाथ देवस्थान, फोंडा, गोवा में दशम अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन का भावपूर्ण और उत्सापूर्ण वातावरण मे आरंभ हुआ । यह अधिवेशन १८ जूनतक चलनेवाला है तथा इस अधिवेशन में विभिन्न राज्यों से आए ४५० प्रतिनिधि उपस्थित हैं ।