सनातन संस्था के संस्थापक परात्पर गुरु डॉ आठवलेजी के ८० वें जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में संतों से मिली शुभकामनाएं !

१. परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी का अध्यात्म विद्या को पुनः उजागर करने का कार्य महनीय ! – प.पू. गोविंददेव गिरिजी महाराज, कोषाध्यक्ष, श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र न्यास, अयोध्या.

प.पू. गोविंददेव गिरिजी महाराज

जयतु जयतु हिन्दुराष्ट्रम् ।

मैं जब-जब आठवलेजी का विचार करता हूं, तो मेरा अंतःकरण आदर से भर आता है; क्योंकि उन्होंने अत्यंत कुशलता के साथ हिन्दू राष्ट्र की संस्थापना की उद्घोषणा की । वे सनातन संस्था के स्वयं संस्थापक हैं । मैं देखता आया हूं कि इस सनातन संस्था ने इतने अच्छे-अच्छे कार्यकर्ताओं का निर्माण किया, असंख्य युवक-युवतियां अपने जीवन का योगदान देकर हिन्दू राष्ट्र की स्थापना हेतु अखंड प्रयत्नशील हैं । इस प्रकार का कार्य करना आज एक असाधारण कार्य है और यह उनके द्वारा दीर्घकाल से किया जा रहा है । हिन्दुत्व की आधारशिला अध्यात्म है । महर्षि अध्यात्म विश्विद्यालय की स्थापना कर उन्होंने (परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी ने) हिन्दू राष्ट्र की बात को केवल राजकीय रूप न देते हुए हमारी अध्यात्म विद्या को पुनः उजागर करने का और उसके भीतर अनेक प्रयोग कर, अनेक साधकों को तैयार करने का एक महनीय कार्य किया है ।

एकांत में रहकर भी अखंड हिन्दू राष्ट्र का चिंतन करनेवाले, भारत की परंपरा का पुनरुज्जीवन करने के लिए अखंड प्रयत्नशील रहनेवाले और इस सनातन संस्था के माध्यम से सनातन धरा को इस राष्ट्र में पुनर्जागृत करने के लिए कटिबद्ध ऐसी इस महान विभूति का यह ८० वां जन्मदिन हम सभी के लिए बहुत-बहुत आनंद की बात है । मैं उनके लिए सभी प्रकार की शुभकामनाएं प्रदान करता हूं और परमपिता परमेश्वर से प्रार्थना करता हूं कि वे हमारे लिए शताधिक वर्षों तक इसी प्रकार का मार्गदर्शन करते रहें और भारत का भविष्य उज्ज्वल करने में अपना योगदान देते रहें ।

भारतमाता की जय ! वन्दे मातरम् !

२. परात्पर गुरुजी की शिक्षाओं पर चलना, भारत के युवा वर्ग का कर्तव्य है ! – पू. (अधिवक्ता) हरि शंकर जैनजी, अध्यक्ष, हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस

पू. (अधिवक्ता) हरि शंकर जैनजी

आज बडी प्रसन्नता का विषय है कि हमारे परात्पर गुरु जयंत आठवलेजी का ८० वां जन्मदिवस है ! वास्तव में गुरुजी ने (परात्पर गुरु डॉ. जयंत बाळाजी आठवलेजी ने) इस संसार को प्रकाश दिया है । हम सारे अनुयायियों को अध्यात्म का रास्ता दिखाया है । वो रास्ता जिसपर चलकर हम देश की सेवा कर सकते हैं, हिन्दुत्व की सेवा कर सकते हैं । इस देश को अध्यात्म के रास्ते चलकर हिन्दू राष्ट्र बनाने का एक संकल्प जो गुरुजी ने हमें दिया है, उसके लिए हम ऋणी हैं । ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि ‘उनको लंबी आयु दे जिससे उनका सान्निध्य, उनका आशीर्वाद और उनकी शिक्षाएं हमें मिलती रहें ।

मैं सभी से अनुरोध करता हूं कि गुरुजी का जन्मदिवस एक आंदोलन के रूप में लें । इस रूप में लें कि इस देश को एक आध्यात्मिक मार्ग पर चलकर धर्माधारित हिन्दू राष्ट्र बनाने का उनका जो संकल्प है, उसकी हमें पूर्ति करने पडेगी । इस समय देश में हमारी आयु के और नौजवानों का कर्तव्य है कि वे उनकी शिक्षाओं पर चलें । परात्पर गुरुजी के चरणों में मैं वंदन करता हूं और प्रार्थना करता हूं कि ‘हम सबको आशीर्वचन दें ।’

३. डॉ. आठवलेजी ‘पारस’ बनकर उनके भक्तों को महान बना रहे हैं ! – पू. डॉ. संतश्री युधिष्ठिलाल महाराजजी, ९ वें पीठाधीश्वर, शदाणी दरबार तीर्थ, रायपुर, छत्तीसगढ

पू. डॉ. संतश्री युधिष्ठिरलाल महाराजजी

गोवा स्थित सनातन संस्था के संस्थापक, जिन्हें हम श्रद्धापूर्वक ‘परात्पर गुरु´ कहते हैं, उन डॉ. आठवलेजी के ८० वें जन्मदिन पर शुभकामनाएं व्यक्त करते हुए उनके कार्यों को नमन करते हैं । सनातन संस्था एवं हिन्दू जनजागृति समिति व्यापक स्तर पर भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म के मूलभूत संदेशों को लेकर सभी को महान गौरवशाली हिन्दू धर्म से जोडने का पवित्र कार्य कर रहे हैं । ये संगठन और उनके अनेक समर्पित एवं श्रेष्ठ वक्ता परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी का संदेश जन-जन तक पहुंचा रहे हैं । हमने स्वयं वहां (सनातन के आश्रम में) जाकर देखा और समझा है कि सनातन संस्था जो हिन्दू धर्म के उत्थान के लिए वहां पर धर्म सम्मेलन, चरित्र निर्माण, सत्कर्म, ज्ञान और विद्या के माध्यम से, सबको भारतीय संस्कृति से जोड रही है । वहां सेवा और साधना दोनों चलती हैं । डॉ. आठवलेजी अपने भक्तों को जिनमें कोई लोहे के समान है, कोई चांदी के समान है, कोई सोने के समान है, (विविध प्रकृति के हैं) वे ‘पारस’ बनकर सबको अपने चुंबकीय शक्ति से जोडते जा रहे हैं, ‘महान’, राष्ट्रभक्त और देशभक्त बनाते जा रहे हैं । हमें पूरा विश्वास है कि इस संस्था के माध्यम से हमारा भारत बलशाली होगा । भारत और हिन्दू धर्म की कीर्ति होगी । ऐसे महान गुरु कर्म, ज्ञान, विद्या के माध्यम से और साधना के बल पर लोगों में जागृति कर रहे हैं । उनके स्वास्थ्य और सुखमय जीवन के लिए सदगुरु शदाराम महाराजजी से मंगल कामना करते हैं ।

४. भारतीय संस्कृति के संपोषक माननीय श्री जयंत बाळाजी आठवलेजी को ८० वें जन्मादिन की बहुत-बहुत शुभकामनाएं ! – समर्थ श्री त्र्यंबकेश्वर चैतन्य महाराजजी, अखिल भारतवर्षीय धर्मसंघ एवं स्वामी करपात्री फाउंडेशन, भादरा, राजस्थान

समर्थ श्री त्र्यंबकेश्वर चैतन्य महाराजजी

हर हर महादेव ! सनातन संस्था के माध्यम से समग्र भारतवर्ष को गौरवान्वित करनेवाले, इस भारतवर्ष को अपने संकल्पों के अनुसार हिन्दू राष्ट्र के रूप में देखनेवाले, भारतीय संस्कृति के संपोषक (पोषण करनेवाले) माननीय श्री जयंत बाळाजी आठवलेजी को उनके ८० वें जन्मदिवस की बहुत-बहुत शुभकामनाएं । हम समग्र सनातन धर्मावलंबी आपके निरामय चिरायुष्य की कामना करते हैं । अखिल भारतवर्षीय धर्मसंघ एवं करपात्री फाउंडेशन की ओर से सनातन संस्था को और इसके द्वारा किए जानेवाले संस्कृति के प्रसारकार्यों को बहुत-बहुत ‘साधुवाद’ देते हुए माननीय श्री जयंत आठवलेजी को उनके जन्मदिवस की बहुत-बहुत शुभकामनाएं !