हिन्दू धर्म, मंदिरों की रक्षा के साथ ‘लव जिहाद’के विरोध में तथा जातिभेद मिटाने के लिए कार्य करनेवाले कर्नाटक के प्रखर वक्ता श्री. चक्रवर्ती सुलीबेले !

श्री. चक्रवर्ती सुलीबेले के मार्गदर्शन में युवा ब्रिगेड ने देशभर में समाज और धर्म जागृति का कार्य किया है । उन्होंने युवकों में राष्ट्रभक्ति एवं सेवाभाव निर्माण किया है । संपूर्ण राज्य में सैकडों मंदिरों का जीर्णोद्धार हुआ ।

अनेक माध्यमों से भारतीय प्राचीन संस्कृति का प्रचार करने वाली दिल्ली की प्रख्यात ‘इंडोलॉजिस्ट’ प्रो. डॉ. शशिबाला !

प्रख्यात ‘इंडोलॉजिस्ट’ (भारतविद), ‘भारतीय विद्या भवन’ के ‘के.एम्. मुंशी सेंटर फॉर इंडोलॉजी’ की अधिष्ठाता, दिल्ली स्थित भारतीय विद्या भवन की मुख्य आचार्य रघु वीरा प्रो. डॉ. शशिबाला इन विविध माध्यमों से भारतीय संस्कृति, यहां के प्राचीन शास्त्रों का प्रचार-प्रसार कर रही हैं । उनके कार्य की व्याप्ति एवं संक्षिप्त परिचय यहां देखते हैं ।

भारत के गौरवशाली हिन्दू इतिहास को पुनर्जीवन देनेवाले डॉ. विक्रम संपत !

कर्नाटक के बेंगलुरू में स्थित डॉ. विक्रम संपत एक लोकप्रिय इतिहासकार तथा लेखक हैं । वर्ष २०२१ में प्रसिद्ध ‘रॉयल हिस्टॉरिकल सोसाइटी’का ‘फेलो’के रूप में उनका चयन हुआ ।

कट्टरवादी विचारधारा की ओर मुड़े ८ सहस्त्र से अधिक युवक-युवतियों को सनातन धर्म में वापस लानेवाले केरल के आचार्यश्री के.आर. मनोज !

युवा पीढ़ी का बौद्धिक तथा नैतिक धैर्य विकसित किए जाने पर ही वह सभी प्रकार के संकटों का सामना कर सकती है !

अक्षय तृतीया को तिलतर्पण किसे एवं कैसे करें ?

अक्षय तृतीया को उच्च लोक से आनेवाली सात्त्विकता ग्रहण करने हेतु पूर्वज इस दिन पृथ्वी के समीप आते हैं । मानव पर पूर्वजों का बहुत ऋण भी है । ईश्वर को अपेक्षित है ये ऋण चुकाने हेतु मानव प्रयास । इसलिए अक्षय तृतीया पर पूर्वजों को गति मिलने हेतु तिलतर्पण करना होता है ।

नागरिकों की मृत्यु हुए बिना सक्रिय न होनेवाली व्यवस्था !

‘व्यवस्था नरबलि लेती है’, यह सत्य ही है । इस लेख में हम इसी की चर्चा करेंगे । उसका आरंभ वर्ष १९४७-४८ में हुआ । किसी देश का स्वतंत्र होना, वास्तव में कितनी आनंद की बात होती है; परंतु हमारे देश को स्वतंत्रता मिलने के समय ही धर्म के आधार पर उसके २ टुकडे किए गए । उस समय भडके दंगों में लाखों हिन्दुओं को अपने प्राण गंवाने पडे थे ।

वर्ष २०२७ तक दक्षिण अफ्रीका में बनाया जाएगा दक्षिण गोलार्ध का सबसे बडा हिन्दू मंदिर !

पिछले वर्ष संयुक्त अरब अमीरात के अबू धाबी में भव्य हिन्दू मंदिर के निर्माण के उपरांत, अब स्वामीनारायण संप्रदाय दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में एक और भव्य मंदिर बनाने जा रहा है ।

महिलाओ, धर्मशास्त्र समझ लो !

स्त्री शब्द का स्मरण होते ही एक सुंदर स्त्री हमारे आंखों के सामने आती है । प्रत्येक स्त्री बाह्यदृष्टि से सुंदर ही हो, ऐसा आवश्यक नहीं; परंतु यदि वह धर्माचरणी तथा धार्मिक वृत्ति की हो, तो वह अंतर्बाह्य सुंदर दिखती है, इसमें कोई संदेह नहीं है । उक्त चित्र में अध्ययन करें कि ‘खरी सुंदरता किसमें है ?’ तथा अपने मन पर धर्माचरण का महत्त्व अंकित करें !

Mahakumbh 2025 : प्रयागराज में १३ जनवरी से महाकुंभ पर्व का आरंभ !

विश्व के सबसे बडे मेले की तैयारियां पूर्ण ! साधु-संतों सहित श्रद्धालुओं में उत्साह ! ४० करोड श्रद्धालु आने की संभावना ! ‘सनातन संस्था वाराणसी’ की होगी ग्रंथ-प्रदर्शनी !

बदायूं (उत्तर प्रदेश) में जामा मस्जिद के स्थान पर नीलकंठ महादेव मंदिर था !

मुसलमान आक्रमणकारियों द्वारा मंदिरों को ध्वस्त करने और उस परिसर को मस्जिदों में परिवर्तित करने के अनेक साक्ष्य हैं। इसलिए अब हिन्दुओं की अपेक्षा है कि केंद्र सरकार भारत में ऐसे सभी स्थानों के सर्वेक्षण की अनुमति दे कर हिंदुओं को न्याय दे !