Ram Navami Procession Banned In Pakur : पाकुड़ (झारखंड) में प्रशासन द्वारा अनुमति न दिए जाने के कारण श्रीरामनवमी की शोभायात्रा नहीं निकाली जा सकी–

पाकुड़ जिला प्रशासन का अनुमति न देने का आदेश (दाएं)

पाकुड़ (झारखंड) – यहाँ प्रशासन ने हिंदुओं को श्रीरामनवमी की शोभायात्रा निकालने की अनुमति नहीं दी, जिसके कारण ६ अप्रैल को शोभायात्रा नहीं निकाली जा सकी। प्रशासन का कहना था कि शोभायात्रा के लिए आवश्यक लिखित कागज प्रस्तुत नहीं किए गए थे, साथ ही इसमें शामिल होने वाले लोगों की संख्या भी नहीं बताई गई थी। इसलिए कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए अनुमति नहीं दी गई। प्रशासन ने चेतावनी दी थी कि “यदि आदेश का उल्लंघन हुआ, तो शोभायात्रा निकालने वालों पर भारतीय दंड संहिता की धारा २२३ के अंतर्गत कार्रवाई की जाएगी।”

श्रीरामनवमी आयोजन समिति ने ६ अप्रैल २०२५ को पाकुड़ में शोभायात्रा निकालने की अनुमति मांगी थी। समिति ने कहा था कि कोलाजोड़ा, समसेरा, प्रहारकोल, गोकुलपुर, नागरनवी, झिकहरती, पिरलीपुर, बहिरग्राम और चेंगडंगा इन गांवों के लोग शोभायात्रा में भाग लेंगे। उनके पास पारंपरिक शस्त्र, धार्मिक ध्वज और ध्वनि प्रणाली भी होगी। समिति ने प्रशासन से सुरक्षा प्रदान करने और सहयोग की विनती की थी। जिला प्रशासन ने इस मामले में पाकुड़ शहर पुलिस थाने के प्रभारी से रिपोर्ट मांगी थी; लेकिन उन्होंने समय पर रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की। इसलिए प्रशासन ने अनुमति देने से इनकार कर दिया।

भविष्य में दिवाली और दुर्गापूजा पर भी प्रतिबंध लगाया जाएगा! – भाजपा

बाबूलाल मरांडी, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने इस घटना में प्रशासन और सरकार के कार्यपद्धति की आलोचना की। उन्होंने ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए कहा कि पाकुड़ जिला प्रशासन का यह आदेश हिंदुओं की आस्था पर सीधा प्रहार है। जब पाकुड़ में ताजिया (इमाम हुसैन की समाधि की प्रतीक प्रतिमा, जिसे विभिन्न आकारों और रूपों में बनाया जाता है) की शोभायात्रा निकाली जा सकती है, तो श्रीरामनवमी की शोभायात्रा क्यों नहीं निकाली जा सकती? आज श्रीरामनवमी पर प्रतिबंध लगाने वाली सरकार कल दिवाली और दुर्गापूजा पर भी प्रतिबंध लगा सकती है। हिंदू-विरोधी शाक्तियों के दबाव में झुकने वाला प्रशासन लोकतंत्र के लिए ख़तरा है। झारखंड में यह बार-बार हो रहा है। कानून और व्यवस्था के नाम पर हिंदुओं के त्योहार रोके जा रहे हैं, जबकि दूसरे समुदाय को हर प्रकार की सुविधाएं दी जा रही हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि कट्टरपंथियों के दबाव में सरकार पाकुड़ को एक अघोषित ‘ग्रेटर बांग्लादेश’ बनाने की तैयारी कर रही है।

संपादकीय भूमिका

झारखंड में वहां के हिंदुओं द्वारा ‘झारखंड मुक्ति मोर्चा’ पार्टी को सत्ता में लाने का दुष्प्रभाव अब उन्हीं हिंदुओं को भुगतना पड़ रहा है, यह बात हिंदुओं को जब समझ में आएगी, वही शुभ दिन होगा।