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तिरुवनंतपुरम (केरल) – केरल उच्च न्यायालय ने कोल्लम स्थित श्री कडक्कल देवी मंदिर के प्रबंधन मंडल को फटकार लगाई है तथा १० मार्च को मंदिर परिसर में आयोजित संगीत कार्यक्रम के संबंध में स्पष्टीकरण मांगा है। न्यायालय ने पूछा, “आपने मंच पर किस तरह की सजावट की है?” क्या यह महाविद्यालय का उत्सव है? क्या आपने ऐसा करने के लिए भक्तों से पैसे लिए हैं ? क्या यह एक मंदिर उत्सव है। न्यायालय ने मंडल को फटकार लगाते हुए कहा कि मंदिर में सिनेमा के नहीं, बल्कि भक्ति गीत बजाए जाने चाहिए। समारोह के समय भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) और उसकी छात्र शाखा डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया के झंडे भी लहराए गए। इसके साथ ही साम्यवादी राजनीतिक समूहों से संबंधित क्रांतिकारी गीत भी बजाए गए।
🚨 Temple Festival, Not a College Union Event! 🚨 – Kerala High Court
⚖️ Slams Travancore Devaswom Board for playing CPI(M) songs & displaying party symbols at Kadakkal Devi Temple festival! 🚩
❌ Politics has no place in temple festivals!
🍛 “If you have extra funds, feed… pic.twitter.com/INF0Rz8lGd
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) March 19, 2025
केरल उच्च न्यायालय ने मंदिर मंडल को चेतावनी दी कि ‘मंडल द्वारा प्रबंधित किसी भी मंदिर में ऐसी घटनाएं नहीं होनी चाहिए।’ उस समय मंदिर मंडल ने कहा कि ‘मंदिर सलाहकार समिति ने उन्हें सूचित किए बिना संगीत कार्यक्रम आयोजित किया था।’ यद्यपि , न्यायालय त्रावणकोर देवस्वोम मंडल के इस तर्क से सहमत नहीं था।न्यायालय ने अधिवक्ता विष्णु सुनील की याचिका स्वीकार कर ली और श्री कडक्कल देवी मंदिर परामर्श समिति और अन्य प्रतिवादियों से उत्तर मांगा।
मंदिर के धन का दुरुपयोग रोका जा सकता था !
उच्च न्यायालय ने कहा है कि हम प्रथम दृष्टया मंडल के विचार से सहमत नहीं हैं। लघु चलचित्र से ज्ञात होता है कि मंच पर विभिन्न व्यवस्थाओं पर भारी धनराशि व्यय की गई है, जो एलईडी स्क्रीन और फ्लैश लाइट से सुसज्जित था । मंदिर के धन का ऐसा दुरुपयोग रोका जा सकता था। किसी भी संगठन या भक्तों के समूह को मंदिर उत्सव आयोजित करने के लिए भक्तों या जनता से धन एकत्र करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। किसी भी प्रकार का धन संग्रह मंडल की अनुमति से ही किया जाना चाहिए। एकत्रित समस्त धनराशि का सरकार द्वारा लेखा परीक्षण किया जाएगा। पिछले निर्णयों में मंदिर समितियों द्वारा एकत्रित मंदिर निधि की सुरक्षा के लिए दिशानिर्देश जारी किए गए थे।
त्रावणकोर देवस्वोम मंडल के अधिवक्ता ने न्यायालय को बताया कि मुख्य सतर्कता एवं सुरक्षा अधिकारी (पुलिस उपनिरीक्षक) को घटना की जांच कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है । मंदिर सलाहकार समिति को भी ‘कारण बताओ’ ज्ञापन जारी किया गया है।
धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत का उल्लंघन ! – याचिकाकर्ता
याचिकाकर्ता अधिवक्ता विष्णु सुनील ने कहा है कि गायिका अलोशी एडम को महोत्सव में प्रस्तुति देने के लिए आमंत्रित किया गया था, जो कि अत्यधिक अवैध था। इससे श्रद्धालुओं की भावनाएं आहत हुई हैं। यह प्रदर्शन कदापि मंदिर उत्सव का हिस्सा नहीं था। यह धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत का उल्लंघन है, जो संविधान के मूल ढांचे का हिस्सा है।
संपादकीय भूमिका
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