ABVP Jharkhand : झारखंड के विश्वविद्यालय में ४० प्रतिशत पद रिक्त ! – अभाविप

अभाविप के राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल का झारखंड के राजभवन के सामने धरना आंदोलन !

Chhatrapati Sambhaji Censor Board : ‘छत्रपति संभाजी’ चल चित्र को अभी तक नहीं मिला केन्द्रीय चलचित्र  प्रमाणन मंडल से प्रमाण पत्र !

केन्द्रीय चलचित्र  प्रमाणन मंडल पर चूंकि केंद्र सरकार का नियंत्रण है, इसलिए हिंदुओं का मानना ​​है कि सरकार को इस मुद्दे पर ध्यान देना चाहिए !

SANATAN PRABHAT EXCLUSIVE : श्री विठ्ठल-रुक्मिणी मंदिर समिति के दायित्वशून्य कामकाज की कार्यकारी अधिकारियों द्वारा स्वीकृती !

प्रसाद के लिए किए गए लड्डुओं की गुणवत्ता नहीं रहीं, इस बात का कार्यकारी अधिकारी राजेंद्र शेळके ने पत्रकारवार्ता में स्वीकार किया ।

प्रदूषण नियंत्रण; परंतु अपनी सुविधा के अनुसार !

त्योहार-उत्सव, चाहे वह किसी भी धर्म का क्यों न हो; परंतु उससे यदि प्रदूषण होता हो, तो उसे रोकने के लिए प्रदूषण नियंत्रण विभाग एवं सरकार का शुद्ध उद्देश्य होना चाहिए । केवल हिन्दू त्योहारों के समय ही प्रदूषण का ढिंढोरा पीटना तथा पूरे वर्ष में होनेवाले प्रदूषण की अनदेखी करना, इससे प्रदूषण नहीं रुकेगा ।

Save Forts : खरदा (नगर) में ऐतिहासिक किले के सामने शौचालय एवं रेस्टोरेंट का निर्माणकार्य रुकवाया !

किलों को सुरक्षित रखना तो दूर, उलटे उनके सामने शौचालय बनवाना, यह प्रशासन की हिन्दू द्वेष ही है ! सरकार को इसके लिए जिम्मेदार लोगों पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए !

अमेरिका का अराजक ! 

आज अमेरिका में पल रही बंदूक संस्कृति (नहीं, विकृति) भविष्य में संपूर्ण विश्व में फैल गई, तो कितना बडा अनर्थ हो जाएगा ? क्या इसका अमेरिका को भान है ?

भक्तों को उन्ही दुकानों में जाना चाहिए जहां भगवा ध्वज लगा हो ! – विश्व हिन्दू परिषद

मंगलुरु (कर्नाटक) में श्री मंगला देवी मंदिर क्षेत्र में केवल हिन्दू व्यापारियों को दुकानें लगाने की अनुमति देने का प्रकरण 

भारतीय दंड संहिता तथा ‘श्री ४२०’ !

राष्ट्रीयता को आधारभूत मानकर कानून एवं न्यायव्यवस्था में परिवर्तन लाना तो आवश्यक है ही; परंतु उसके साथ ही ‘जूता जापानी, पतलून इंग्लिस्तानी’ गीत में तो ठीक हैं; तथापि न्यायव्यवस्था में वेशभूषा एवं हृदय, दोनों भारतीय संस्कृति के अनुसार हों, तो न्यायव्यवस्था की स्थिति में सुधार आएगा !

पूरे देश में सार्वजनिक शौचालय अस्वच्छ ! – सर्वेक्षण में मिली जानकारी

देश की स्वतंत्रता के ७६ वर्षाें के पश्चात भी ऐसी स्थिति होगी, तो हम स्वच्छता के संदर्भ में पिछडे हैं, यही पूरे विश्व को दिखता है !

कानपुर (उत्तर प्रदेश) में सरकारी कार्यालय की धारिकाएं (फाईल्स) स्वच्छता कर्मचारियों ने रद्दी में बेच दीं !

स्वच्छता कर्मचारियों के ऐसा करते समय वरिष्ठ अधिकारी और सुरक्षारक्षक क्या सो रहे थे ?