नागरिकों की मृत्यु हुए बिना सक्रिय न होनेवाली व्यवस्था !

‘व्यवस्था नरबलि लेती है’, यह सत्य ही है । इस लेख में हम इसी की चर्चा करेंगे । उसका आरंभ वर्ष १९४७-४८ में हुआ । किसी देश का स्वतंत्र होना, वास्तव में कितनी आनंद की बात होती है; परंतु हमारे देश को स्वतंत्रता मिलने के समय ही धर्म के आधार पर उसके २ टुकडे किए गए । उस समय भडके दंगों में लाखों हिन्दुओं को अपने प्राण गंवाने पडे थे ।

Expel Shyam Manav : श्याम मानव समेत महाराष्ट्र अंनिस के लोगों को जादूटोना विरोधी कानून की सरकारी समिति से तुरंत हटाया जाए और समिति को भी भंग किया जाए!

एफ.सी.आर.ए. कानून के अनुसार कोई भी समाचार पत्र विदेश से पैसे नहीं ले सकता। फिर भी, महाराष्ट्र अंनिस ने विदेश से लाखों रुपये एकत्र किए।