‘हिन्दू विवाह कानून’ के अनुसार अंतरधर्मीय विवाह अवैध ! – सर्वोच्च न्यायालय

‘हिन्दू विवाह कानून’ के अनुसार अंतरधर्मीय दांपत्य का विवाह रद्द सिद्ध होता है । इस कानून के अनुसार हिन्दू से केवल हिन्दू विवाह कर सकते हैं । सर्वोच्च न्यायालय ने ऐसी टिप्पणी की है ।

उच्चतम न्यायालय ने समान नागरिक संहिता की जांच के लिए समितियों के गठन की अनुमति दी

उच्चतम न्यायालय ने समान नागरिक संहिता की समीक्षा के लिए उत्तराखंड और गुजरात राज्यों द्वारा गठित समितियों के गठन की अनुमति दे दी है । न्यायालय में एक याचिका द्वारा इन समितियों की स्थापना को चुनौती दी गई थी ।

(कहते हैं) ‘भाजप शासित राज्य में पारित ‘लव जिहाद’ का कानून संविधान के विरुद्ध !’

‘लव जिहाद’ का समर्थन करनेवाले एम.आइ.एम. के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी का वक्तव्य !

बच्चों की संख्या में समानता होनी चाहिए ! – समान नागरिक कानून के लिए उत्तराखंड सरकार की समिति का ब्योरा

इस प्रकार से एक-एक राज्य में समान नागरिक कानून लागू करने के लिए स्वतंत्र समिति की स्थापना करना, आवश्यक ब्योरा तैयार करना आदि के लिए इतना मनुष्यबल खर्च करने की अपेक्षा केंद्र सरकार को ही इस हेतु राष्ट्रीय स्तर पर प्रयास करने चाहिए, ऐसी ही राष्ट्रप्रेमियों की अपेक्षा है !

अमेरिका के वरिष्ठ सभागृह ने समलैंगिक विवाह विधेयक किया पारित (पास) !

इस विधेयक का कानून में रूपांतरण होते ही समलैंगिक विवाहों को मान्यता दे दी जाएगी । वर्ष २०१५ में सर्वोच्च न्यायालय ने अमेरिका में इस पर प्रतिबंध लगाया था ।

राष्ट्रीय स्तर पर ‘लव जिहाद विरोधी कानून’ एवं ‘धर्मांतरण विरोधी कानून’ लागू किएं जाएं !

‘लव जिहाद’ के लिए विदेशों से मिलनेवाली आर्थिक सहायता, युवतियों की तस्करी तथा आतंकवादी गतिविधियों के लिए उनके किए जा रहे उपयोग की घटनाओं की जांच की जाए ।

यदि हिन्दू धर्मी एक विवाह करते हैं, तो अन्‍य धर्मियों को भी एक ही विवाह करना चाहिए ! – असम के मुख्‍यमंत्री हिमंत बिस्‍व सरमा

यदि हिन्दू एक विवाह करता है, तो अन्‍य धर्मियों को भी एक ही विवाह करना पडेगा । देश में समान नागरिकता कानून लागू होना चाहिए । भाजपा ने गुजरात में इससे पूर्व ही समान नागरिकता कानून लागू करने की घोषणा कर दी है ।

विधवा हिन्दू महिला के साथ बलात्कार करनेवाला ९ बच्चों का पिता मोहम्मद शाकीर कहता है, ‘‘अन्य धर्माें की महिलाओं को इस्लाम में लाना सम्मानजनक कृत्य है !’’

‘लव जिहाद’ के राक्षस से हिन्दू महिलाओं की रक्षा करने के लिए राष्ट्रव्यापी लव जिहादविरोधी कानून बनाने के साथ ही हिन्दूसंगठन करना समय की मांग है, इसे जान लीजिए !

भारतीय दंड संविधान और ‘पॉक्सो’ कानून ‘मुस्लिम पर्सनल लॉ’ के ऊपर हैं ! – कर्नाटक उच्च न्यायालय

१५ वर्ष की आयु से युवावस्था प्रारंभ होने से उस समय किया विवाह पर ‘बाल विवाह प्रतिबंध कानून’ लागू नहीं होता, ऐसा मुसलमान याचिकाकर्ताओं के कहने को न्यायालय ने नकार दिया ।

संविधान में स्थित हिन्दू विरोधी अनुच्छेद २८ और ३० रद्द कीजिए !

‘अनुच्छेद ३०’ के अनुसार मुसलमान और ईसाई शिक्षासंस्थानों को सरकारी सहायता लेकर धार्मिक शिक्षा देने का अधिकार होना; परंतु हिन्दू धर्मियों पर ‘अनुच्छेद २८’ के अनुसार धार्मिक शिक्षा देने पर प्रतिबंध होना