कानून के अनुसार विवाह के लिए दोनों का हिन्दू होना आवश्यक !
नई देहली – ‘हिन्दू विवाह कानून’ के अनुसार अंतरधर्मीय दांपत्य का विवाह रद्द सिद्ध होता है । इस कानून के अनुसार हिन्दू से केवल हिन्दू विवाह कर सकते हैं । सर्वोच्च न्यायालय ने ऐसी टिप्पणी की है । वर्ष २०१७ में तेलंगाना में एक हिन्दू महिला ने उसके पति के विरुद्ध किए परिवाद के उपरांत पति के विरुद्ध भा .दं.वि.की धारा ४९४ के अंतर्गत अपराध प्रविष्ट किया था । इस धारा के अनुसार प्रथम पति के रहते हुए दूसरा विवाह करने पर ७ वर्ष तक कारावास के दंड की व्यवस्था है । इस प्रकरण में महिला हिन्दू है तथा आरोपी पति भारतीय मूल का ईसाई है । पुलिस द्वारा आरोपपत्र प्रविष्ट करने के उपरांत उस व्यक्ति ने अभियोग रद्द करने हेतु उच्च न्यायालय में याचिका प्रविष्ट की थी; परंतु उसे अस्वीकार कर दिय गया । इस प्रकरण पर सर्वोच्च न्यायालय फरवरी में अंतिम सुनवाई करेगा ।
The #SupremeCourt on January 14 has observed that any marriage between inter-faith couples under the #Hindu Marriage Act is void and only #Hindus can marry under the same law.https://t.co/cF7wNKFrj5
— India Today NE (@IndiaTodayNE) January 14, 2023