जनप्रतिनिधि कानून में अनेक सुधार करने की चुनाव आयोग की केंद्र शासन को सिफारिश
आधिकारिक ढंग से चंदे की कितनी भी सीमा तय की गई, तो भी ‘चुनाव में काले पैसे का प्रयोग कैसे होता है’, यह अधिकतर नागरिकों को ज्ञात है तो फिर यह चुनाव आयोग को कैसे नहीं दिखता ?